Bloody Test Match: जब पांच भारतीय खिलाड़ी पहुंचे थे अस्पताल, जाने खूनी टेस्ट मैच की कहानी

Bloody Test Match: खूनी टेस्ट मैच की कहानी साल 1976 की है जब वर्ल्ड क्रिकेट पर वेस्टइंडीज का राज था। दुनियाभर के बल्लेबाज इनके रेडी आई तेज गेंदबाजों से डरते थे। वही समय था जब चार टेस्ट मैचों की सीरीज जारी थी और भारतीय टीम वेस्टइंडीज से भीड़ ने उसी की सर जमी पर पहुंची थी।

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भारतीय टीम की हुई थी शानदार शुरुआत

तीसरे टेस्ट मैच के 406 रन की रिकॉर्ड लक्ष्य को हासिल कर जीतने के बाद भारतीय टीम के हौसले बुलंद थे। चौथे टेस्ट मैच में भी भारतीय टीम ने धमाकेदार शुरुआत की थी जिसमें सुनील गावस्कर और अंशुमन गायकवाड की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 136 रन जोड़े। पहले दिन के खेल में भारतीय टीम ने 1 विकेट खोकर कुल 175 रन बनाए। लेकिन दूसरी दिन के खेल में कप्तान क्लाइव लॉयड ने ऐसी प्लानिंग की जिसनें भारतीय बल्लेबाजों का हाल बेहाल कर दिया।

 

Bloody Test Match
Bloody Test Match

कैरेबियाई गेंदबाजों का निशाना बना भारतीय बल्लेबाजों का शरीर

भारत की जीत ने कैरेबियाई तेज गेंदबाजों के अंदर का मानों शैतान जगा दिया हो। दूसरे दिन वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों की बॉडी पर गिरने मारना शुरू कर दिया। ऐसा लग रहा था मानों वे भारतीय बल्लेबाजों को आउट नहीं, बल्कि जान से मारना चाहते हों। वेस्टइंडीज गेंदबाजों का पहला शिकार अंशुमन गायकवाड़ बने, जिनकी कान पर गेंद लगी और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। अंशुमन के बाद माइकल होल्डिंग कि तेज रफ्तार गेंद बृजेश पटेल के चेहरे पर लगी और उन्हें भी अस्पताल ले जाकर मुंह पर टांके लगवाने पड़ा। गुंडप्पा विश्वनाथ भी खुद को कैरेबियाई गेंदबाजों से नहीं बचा सके और उन्हें भी अस्पताल ले जाना पड़ा।

 

भारतीय बल्लेबाजों की हालत देख बिशन सिंह बेदी ने पारी घोषित कर दी

भारतीय टीम के कप्तान बिशन सिंह बेदी ने अपने टीम की हालत देखते हुए पारी घोषित करने का फैसला लिया और ऐसा कहा जाता है कि अगर वे उस वक्त पारी घोषित न करते तो शायद भारत के सभी खिलाड़ी उस दिन अस्पताल में होते हैं। उस दिन वेस्टइंडीज ने 391 रन के साथ 50 रन की बढ़त हासिल की। फील्डिंग करते वक्त कप्तान बिशन सिंह बेदी और चंद्रशेखर भी घायल हो गए।

 

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अगली पारी में वेस्टइंडीज को मिला मात्र 13 रन का लक्ष्य

दूसरी पारी में भारत की ओर से सिर्फ 5 बल्लेबाज मैदान में उतरे जिसमें गवास्कर और दिलीप वेंगसरकर ने पारी की शुरुआत की। ये भी कुछ खास नहीं कर पाए और 97 रनों पर मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ और एस वेंकटराघवन एक साथ पवेलियन लौट गए। इन खिलाड़ियों के बाद भारतीय टीम से कोई भी बल्लेबाजी करने नहीं उतरा, क्योंकि पहले ही तीन बल्लेबाज अस्पताल में भर्ती थे और बेदी और चंद्रशेखर भी चोटिल थे। भारत में वेस्टइंडीज को मास 13 रन का लक्ष्य दिया जिसको उन्होंने 1.5 ओवर में ही हासिल कर लिया।

 

 

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

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