Bhagwan Hanuman: हिंदू धर्म में हनुमान जी एक ऐसे देवता माने जाते हैं जो सभी प्रकार के रोगों, दुःखों का नाश कर सकते हैं। पवन पुत्र हनुमान के नाम से ही भय खुद भयभीत हो जाता है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की चीजें अर्पित की जाती है। इनमें से एक वस्तु सिंदूर भी है, जो हनुमान जी को बहुत ही प्रिय है। एक ओर हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है, तो दूसरी ओर उन्हें सुहाग का प्रतीक माना जाने वाला सिंदूर भी अर्पित किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बाल ब्रह्मचारी होने के बाद भी राम भक्त हनुमान को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं इस लेख में…
ये है इससे जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार वनवास से लौटने के बाद जब एक बार माता सीता अपने कार्य में व्यस्त थी, तब हनुमान जी ने उनसे प्रश्न किया कि प्रभु श्री राम को सबसे अधिक प्रिय कौन सी वस्तु है? तब सीता जी ने उत्तर दिया कि उन्हें किसी भी वस्तु का मोह नहीं अपितु उनके लिए सब कुछ एक समान है। तभी हनुमान जी की नज़र माता सीता के सिंदूर पर पड़ी तो उन्होंने सवाल किया कि ‘आप यह सिंदूर क्यों लगाती हैं?’ तब माता सीता ने बताया कि ये सुहाग की निशानी है और इसे लगाने से प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते हैं।
जब हनुमान जी ने पूरे शरीर पर लगाया सिंदूर
जब हनुमान जी को इस बात का ज्ञात हुआ कि प्रभु श्री राम सिंदूर लगाने से प्रसन्न होते हैं, तब उन्होंने अपने पूरे शरीर पर नारंगी रंग का सिंदूर लगाया और प्रभु श्रीराम के समक्ष गए। जब प्रभु श्री राम ने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाए हनुमान जी से इसका कारण पूछा, तो उन्होंने बताया की जब माता सीता कि मांग में लगे थोड़े से सिंदूर से आप इतना प्रसन्न होते हैं, तो मैंने सोचा कि मेरे पूरे शरीर पर सिंदूर लगा देखकर आप कितना प्रसन्न होंगे। अपनी इस क्रिया से हनुमान जी ने प्रभु श्री राम के प्रति अपना निश्चल प्रेम भाव दर्शाया और तभी से पूजा के दौरान हनुमान जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है।
( यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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