क्या फिर दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे केजरीवाल? बोले- ‘राजधानी में गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है’

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि यह समस्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से उत्पन्न हुई है और वास्तविक अधिकार केंद्र सरकार के पास है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है, क्योंकि अधिकारी कह रहे हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कथित धमकी और दबाव के कारण काम नहीं करेंगे। इस दौरान केजरीवाल ने केंद्र को धमकी देते हुए कहा कि अगर समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो वह 2011 की तरफ दिल्ली की सड़कों पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि यह समस्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से उत्पन्न हुई है और वास्तविक अधिकार केंद्र सरकार के पास है। केंद्र में एक अलग पार्टी की सरकार है और ”पार्टी नहीं चाहती है कि चुनी हुई सरकार (दिल्ली की) अपना काम करे।”

उन्होंने कहा कि पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना में कुछ अधिकारियों द्वारा ”बाधा” डाली जा रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि BJP के दबाव के कारण अधिकारियों को पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना को रोकने की धमकी दी जा रही है।

केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों की काम करने की अनिच्छा के कारण दिल्ली में “गंभीर संवैधानिक संकट” पैदा हो गया है। उन्होंने उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना से योजना की मंजूरी के लिए अधिकारियों को बुलाने की अपील की और कहा कि इस ‘अच्छी योजना’ से 10.5 लाख परिवारों को फायदा होगा।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की आबादी का एक बड़ा हिस्सा ‘गलत और बढ़े हुए बिलों का शिकार’ है। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए एक योजना शुरू की, जो है- एकमुश्त निपटान योजना।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के लिए काम करती है। उन्होंने यह दावा कर विपक्षी दल BJP का मजाक उड़ाया कि उन्होंने लोगों के मुद्दों को “अनदेखा” किया और विधानसभा में तीन या आठ सीटों पर सिमट गए।

केजरीवाल ने कहा कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपये का राजस्व फंस गया है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना बहुत अच्छी है। इसे पिछले जून में पारित किया गया था और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए था। इसे आठ महीने हो गए हैं लेकिन इन अधिकारियों ने “ऐसा करने से इंकार कर दिया है।”

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मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अधिकारियों को धमकी दी जा रही है कि उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा या फिर निकाल दिया जाएगा। उन्हें जेल भेज दिया जाएगा या केंद्रीय एजेंसियों को “उनके पीछे लगा दिया जाएगा”। उन्होंने आरोप लगाया,”इसके पीछे और कौन लोग हैं? इसके पीछे BJP है। BJP दिल्ली के लोगों से नफरत करती है।”

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