Author: JYOTI MISHRA Published Date: 22/10/2024
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हिंदू धर्म में घर के मंदिर में पूजा करने का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में घर में पूजा करने को लेकर कई जरूरी नियम बताए गए हैं, जिनका व्यक्ति को पालन करना चाहिए।
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इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे कि घर के मंदिर में कितनी बार और कैसे पूजा करनी चाहिए। इस बारे में हमें उज्जैन के पंडित कैलाश नारायण शर्मा जी से जानकारी प्राप्त हुई है।
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आपको बता दें कि आरती सात प्रकार की होती हैं। इनमें से 5 या 7 बत्ती वाले दीपक से आरती करने को सबसे शुभ माना जाता है।
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विषम संख्या 1,3,5,7 दीपों से भी आरती की जा सकती हैं। वहीं, मंदिरों में 5 बत्तियों वाले दीप से आरती होती है, जिसे पंच प्रदीप कहते हैं।
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आरती करते समय पहले भगवान के चरणों से शुरुआत करनी चाहिए। चार बार चरणों में, नाभि के सामने 2 बार और भगवान के मुख के सामने 1 बार आरती घुमाई जाती है।
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अब सात बार भगवान के संपूर्ण शरीर पर आरती घुमानी चाहिए। इस तरह कुल 14 बार आरती घुमाई जाती है। ऐसे आरती करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होता है।
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शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु की बारह बार, भोलेनाथ की 11 बार, दुर्गा जी की नौ बार, गणेश जी की 4 बार और अन्य देवी-देवताओं की 7 बार आरती करनी चाहिए।
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मान्यता है कि दीप आरती करने के बाद कपूर आरती करनी चाहिए। इस तरह विधि-विधान से घर के मंदिर में आरती करना बहुत शुभ माना जाता है।
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घर में इस तरह आरती करने से चारों तरफ का वातावरण शुद्ध होता है। साथ ही, घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होने लगती है।
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