Author: Deepika Sharma Published Date: 05/07/2024
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गोवा ही नहीं बल्कि सभी समुद्री तटों पर हाई टाइड के कारण कई लोगों की जान चली जाती है। यहां पर मानसून में जाना खतरनाक रहता है। बारिश में यहां पर सभी तरह की वॉटर एक्टिविटी बंद रहती है।
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असम में हर वर्ष मानसून में बाढ़ के हालात रहते हैं। कांजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य भी यहीं है। असम में कामाख्या देवी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है।
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उत्तराखंड में कई सुंदर पहाड़ी स्थान देखने लायक है। चार धाम सहित यहां पर मसूरी, अल्मोड़ा, नैनीताल आदि कई खूबसूरत जगहें हैं। यहां पर पहाड़ों पर लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है।
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यदि आप मध्य भारत अर्थात मध्यप्रदेश या छत्तीसगढ़ में रहते हैं तो आपके लिए पचमढ़ी बेहतर स्थान है, लेकिन मानसून में यहां पहाड़ों पर फिसलन बढ़ जाती है।
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तमिलनाडु का शहर चेन्नई भी मानसून में तरबतर रहता है। यहां पर कई बार बाढ़ जैसे हालात रहते हैं। यहां के घुमावदार रास्तों में ट्रैफिक जाम बना रहता है।
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क्वीन ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हमेशा से एक बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन रहा है। लेकिन मानसून में यहां पर बारिश का स्तर इस तरह बढ़ जाता है कि घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
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मानसून में यहां घूमने का कोई मतलब नहीं क्योंकि एक ओर जहां यहां पर आने जाने के रास्ते खराब हो जाते हैं वहीं जल स्तर इतना बढ़ जाता है कि बाढ़ के हालात कभी भी पैदा हो सकते हैं।
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मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग भारत का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसे पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है। चेरापूंजी का स्थानीय और आधिकारिक नाम सोहरा है जो शिलॉन्ग से 56 किलो मीटर की दूरी पर है। लेकिन यहां पर मानसून में घूमना खतरनाक है।
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चांदीपुर तट उड़ीसा राज्य के बालेश्वर शहर से 16 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर मानसून में वही लोग जाते हैं जिन्हें बारिश और खतरों का शौक है।
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