Author: Deepika Sharma Published Date: 23/01/2024
Photo Credit: Google
सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसा अयोध्या नगर पुरातन काल के अवशेषों से भरा हुआ है। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण व श्री रामचरितमानस अयोध्या के ऐश्वर्य को प्रदर्शित करते हैं।
Photo Credit: Google
सरयू नदी के पूर्वी तट पर बसा अयोध्या नगर पुरातन काल के अवशेषों से भरा हुआ है। प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण व श्री रामचरितमानस अयोध्या के ऐश्वर्य को प्रदर्शित करते हैं।
Photo Credit: Google
इसका निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है तथा 76 सीढ़ियाँ चढ़ कर यहाँ पहुंचा जा सकता है, इस तीर्थ नगर में 10वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिर स्थित हैं |
Photo Credit: Google
यहाँ चैत्र मास में (मार्च-अप्रैल) में राम नवमी का पर्व बहुत ही वैभव व धूमधाम से मनाया जाता है | इस समय न केवल पूरे देश बल्कि विश्व भर से तीर्थयात्री यहाँ एकत्र होते हैं तथा भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं |
Photo Credit: Google
भगवान नागेश्वर नाथ जी अयोध्या के प्रमुख अधिष्ठाता माने जाते हैं | ऐसा विश्वास किया जाता है कि भगवान राम के पुत्र कुश ने भगवान नागेशवरनाथ जी को समर्पित इस सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया था |
Photo Credit: Google
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) की रानी वृषभानु कुंवरि, ने 1891 में उत्कृष्टता से अलंकृत इस मंदिर का निर्माण करवाया था |
Photo Credit: Google
तुलसी स्मारक भवन महान संत कवि गोस्वामी तुलसी दास जी को समर्पित है | नियमित प्रार्थना सभाएं,भक्तिमय सम्मेलन तथा धार्मिक प्रवचन यहाँ आयोजित किए जाते हैं |
Photo Credit: Google
यह काले राम के मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है, विश्वास किया जाता है कि इसी सुंदर मंदिर में भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था |
Photo Credit: Google
ऐसा विश्वास किया जाता है कि हनुमान जी घायल लक्ष्मण के उपचार हेतु संजीवनी बूटी के साथ विशाल पर्वत को उठा कर लंका ले जा रहे थे, तो रास्ते में इसका कुछ भाग गिर गया | इससे निर्मित पहाड़ी जो 65 फुट ऊंची है, मणि पर्वत के नाम से जाती जाती है |
Photo Credit: Google