राजसी सौंदर्य का शहर है हम्पी, देखते ही थाम लेंगे दिल
बेलारी, कर्नाटक में तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है हम्पी। यह नगर राजसी सौन्दर्य का नगर है जो नजर आता है किसी संग्रहालय की तरह।
यह वही शहर है जहां राजा कृष्णदेव राय हुए तेनालीराम भी। तेनालीराम के कार्यक्षेत्र को देखना चाहते हैं तो हम्पी आना होगा।
मध्यकाल तक हम्पी कई राजवंशों की राजधानी रही है, लेकिन हम्पी की वास्तविक प्रसिद्धि और समृद्धि विजयनगर साम्राज्य से जुड़ी है।
यहां महत्वपूर्ण संरचना है, महामंडपम। यहां एकाश्म पत्थरों को तराशकर बनाए गए खंभे हैं। इन पर चोट करने से कर्नाटक संगीत की बारहों स्वर लहरियां निकलती हैं।
यहां महत्वपूर्ण संरचना है, महामंडपम। यहां एकाश्म पत्थरों को तराशकर बनाए गए खंभे हैं। इन पर चोट करने से कर्नाटक संगीत की बारहों स्वर लहरियां निकलती हैं।
यहां महत्वपूर्ण संरचना है, महामंडपम। यहां एकाश्म पत्थरों को तराशकर बनाए गए खंभे हैं। इन पर चोट करने से कर्नाटक संगीत की बारहों स्वर लहरियां निकलती हैं।
जिस तरह सूर्योदय के लिए अंजनाद्रि प्रसिद्ध है, वैसे ही 'मतांगा पर्वत के 'सनसेट पॉइंट से सूर्यास्त देखने वालों की भीड़ जुटी होती है।
हम्पी में अंजनाद्रि पर्वत हनुमान का जन्मस्थान माना जाता है। उस ऊंचाई से आप हम्पी का विस्तार देख सकते हैं।
आप यहां बिड़ला मंदिर में मौजूद रथ को भारत सरकार द्वारा हाल में जारी किए गए पचास रूपय के नोट पर देख सकते हैं। यह भारतीयता की पहचान है
यहां पर स्थित पंबा सरोवर के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम की भेंट शबरी से यहीं हुई थी। यहीं पर शबरी ने राम को जूठे बेर खिलाये थे।
हम्पी में हरागोलु, तेप्पा यानी गोल आकृति की नावें देख सकते हैं। इस तरह के नावों की एक विशेषता इनकी गोल गोल घूमने की अदा है।
तुंगभद्रा नदी के उथले हिस्से में घडि़य़ाल मिल जाते हैं। यहां प्रवासी और स्थानीय जलीय पक्षियों की भरमार रहती है।
1500 ई. तक हम्पी-विजयनगर बीजिंग के बाद दुनिया की सबसे बड़ा मध्यकालीन शहर था।
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