बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
बुद्ध के 11 विचार, छू भी न सकेगा तनाव
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
ध्यान और योग का ही करिश्मा था कि राजकुमार सिद्धार्थ बन गए महात्मा बुद्ध। लोगों को मन और शरीर की पवित्रता का संदेश दिया। एकाग्र रहकर वर्तमान में रहने की सीख दी।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
महात्मा बुद्ध की जयंती (Buddha purnima 2023) और उनके संदेशों को याद करने के लिए विश्व भर में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया के ज्यादातर हिस्सों में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई थी। महात्मा बुद्ध सबसे अधिक शरीर को स्वस्थ रखने पर जोर देते थे।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
महात्मा बुद्ध जीवन को संतुलित और शांतिपूर्ण बनाने की बात कहते हैं। कई बौद्ध अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
उन्होंने खुद का ध्यान रखने और खुद के प्रति सम्मान भाव रखना जरूरी बताया है। समग्र स्वास्थ्य हासिल करने के लिए यह जरूरी है।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
वे बताते रहे कि औरों के प्रति क्रोध, ईर्ष्या भाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इससे हमारा स्वयं के प्रति ध्यान हट जाता है।हम अपना भला नहीं कर पाते जबकि पहले यही जरूरी है।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
महात्मा बुद्ध ने कहा कि भविष्य की चिंता करने पर तनाव होता है। इसलिए वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
बुद्ध के अनुसार मन ही सब कुछ है। जो हम चाहते हैं, वह तुरंत हासिल नहीं कर पाते हैं। एक-एक बूंद से घड़ा भरता है। इसलिए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करें और दृढ़ रहें।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
बुद्ध ने बताया कि जैसा हम सोचते हैं ठीक वैसा ही हम बन जाते हैं। जब मन शुद्ध होता है, तब प्रसन्नता हमारा ऐसे पीछा करती है, जैसे कि हमारी परछाई। हमेशा सकारात्मक सोचें ताकि मुश्किल में मिल जाए आशा की किरण।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
न केवल सोच बल्कि जैसी आपकी संगति होंगी, ठीक वैसे आप बनते जाएंगे। इसी अनुरूप हमारा व्यवहार होंगा, वैसा होगा हमारा जीवन। हमेशा अच्छी संगत में रहें।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
संसार बुरा नहीं है और ना ही सन्यास बुरा है। यहां कुछ बुरा है तो वो है, व्यक्ति का विचलित मन, जो उसे कही टिकने नहीं देता है। इसीलिए हर क्षण मन को समझने का प्रयास करना चाहिए।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
क्रोध अग्नि के समान है। व्यक्ति उसे बुझाना तो चाहता है, लेकिन वह उसमे सूखी लकड़ियां डालता रहता है। इसलिए क्रोध बुझने के बजाय और भी ज्यादा बढ़ता जाता है। क्रोध को खत्म करना चाहते हैं तो उसे भोजन देना बंद करना होगा।
बुद्ध पूर्णिमा Buddha Purnima
अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं चाहिए। अज्ञानी व्यक्ति बैल के समान होता है। वह ज्ञान में नहीं, सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है।