Author: JYOTI MISHRA Published Date: 16/09/2024
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आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र सहित अन्य नीति शास्त्रों के अनुसार 7 तरह के लोग अपने जीवन काल में ही नर्क भोगते हैं। इसके साथ मरने के बाद भी उन्हें नर्क में ही जाना पड़ता है, जहां उन्हें कई तरह की यातनाओं का सामना करना पड़ता है।
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ऐसे लोगों की पहचान करके उसे बचकर रहें या उनसे दूर ही रहेंगे तो अच्छा है अन्यथा ऐसे लोग आपका नुकसान कर सकते हैं या आप भी जाने अनजाने उनके पापों के भागीदार बन जाएंगे.
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आचार्य चाणक्य के अनुसार झूठ बोलने वाला और झूठ का समर्थन करने वाला दोनों ही पछताते हैं। कई लोग झूठी गवाही देकर भी सत्य को दबाने का कार्य करके अपराध करते हैं। अपराधी को बचाने के लिए झूठी गवाही देते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में नर्क भोगते हैं।
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केले के छिलके में भी कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन बी, सी, ई आदि होते हैं, जो चेहरे पर से मुंहासों की समस्या को कम करने में मदद करते हैं।
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जो दुराचारी हैं वे कभी भी सुखी नहीं रह सकते है। भले ही वे कितना ही धन कमा लें या महल खड़े कर लें। एक दिन सभी कुछ नष्ट हो जाता है और तब वे नर्क जैसा जीवन यापन करते हैं। दुष्ट और नीच प्रवृत्ति वाले लोग बालिका के प्रति बुरे विचार रखने वाले लोग नर्क भोगने के अधिकारी होते हैं।
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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धन और वासना के लालच और घमंड में डूबा व्यक्ति नरक का भागी बनता है। धन का लालच एक दिन उसे गर्त में डूबो देता है और किसी भी प्रकार की वासना नर्क में जाने का रास्ता है। अहंकारी तो वैसे ही नर्क में रह रहा है।
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अपनी वाणी और कर्म से माता पिता, बुजुर्ग, बच्चे, स्त्री, गरीब, मजबूर, अपंग आदि का दिल दुखाते रहने वाला इंसान कभी सुखी नहीं रहता है। उसे इस जीवन में तो नर्क झेलना ही होता है साथ ही वह नर्क जाकर भी दुख पाता है।
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अपनों से बैर रखने, स्वार्थ के लिए दूसरों का अहित करने और गरीबों का शोषण करने वालों को नरक भोगना ही पड़ता है।
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