Char Dham Yatra 2023: केदारनाथ जा रहे हैं तो पढ़ लें ये खबर; सरकार ने रोकी यात्रा, IMD ने जारी किया ये अलर्ट

केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण पर अब 15 मई तक रोक रहेगी। संयुक्त निदेशक पर्यटन योगेंद्र गंगवार ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम की यात्रा को सरकार ने एक दिन के लिए रोक दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा है कि लगातार बर्फबारी और खराब मौसम के कारण यात्रा कल यानी 3 अप्रैल के लिए रोक दी गई है।

15 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 13 मई तक केदारनाथ के लिए 1.45 लाख यात्री पंजीकरण करा चुके है।

देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ धाम सबसे ऊंचाई पर बसा है। ये धाम मंदाकिनी नदी के किनारे 3581 मीटर की ऊंचाई पर है। कहा जाता है कि हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हे ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वरदान दिया।

मई महीने में जहां मैदानी इलाकों में गर्मी से लोग परेशान हैं तो दूसरी ओर, बदरीनाथ में पारा गिरने से लोग ठंड को भगाने का प्रयास कर रहे हैं। बदरीनाथ नगर पंचायत ने बर्फबारी के कारण सोमवार को बदरीनाथ के पांच से अधिक क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था की गई।

जिससे आने वाले यात्रियों समेत साधू संत व अन्य लोगों को परेशानी न हो। बर्फवारी के बीच भी बड़ी संख्या में भक्तों ने बदरीनाथ के दर्शन किए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार तक बदरीनाथ में दर्शन को पहुंचे तीर्थ त्रियों की संख्या 1,22,136 हो गई है।

खराब मौसम के बीच गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में एक बार फिर बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बीच दोनों धाम में देश विदेश से आए तीर्थयात्री लाइन में लगकर दर्शन कर रहे हैं।

बर्फबारी के बीच दोनों धाम में यात्री लाइन में लगकर दर्शन करते नजर आए। बर्फबारी को लेकर यात्रियों में काफी उत्साह देखने को मिला।

यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम में सुबह बारिश और दोपहर बाद बर्फबारी शुरू हो गई।

गंगोत्री मंदिर समिति के पूर्व सह सचिव राजेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में दोपहर बाद से बर्फबारी हो रही है।

बद्रीनाथ धाम के साथ-साथ यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा का अपना विशेष पौराणिक महत्व है। गोमुख भागीरथी नदी का उद्गम स्थल है यह वह पवित्र रखती है जहाँ भागीरथी नदी का अवतरण हुआ।

गंगोत्री धाम हिमालय के भीतरी क्षेत्र की एक ऐसी पवित्र स्थली है जहाँ गंगा नदी की पावन धारा पहली बार पृथ्वी पर उतरती है।

हिंदुओं के धार्मिक पुराणों और ग्रंथों के अनुसार देवी गंगा ने कठोर तपस्या के पश्चात एक नदी का रूप लिया और महाराजा भागीरथ के पूर्वजों को उनके पापों से मुक्त किया। महाराजा भागीरथ की उपस्या से पृथ्वी पर आने के कारण गंगा जी का नाम भागीरथी पड़ा।

विधान हिंदी समाचार

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