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कार्यक्षेत्र संघर्ष लेकिन लाभ। घर या फिर गाड़ी खरीदारी के योग। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता। शादी योग्य जातकों मनपसंद प्रस्ताव की संभावना।
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छठ पूजा के दौरान व्रति महिलाएं अपने पुत्र, पति और परिवार की लंबी आयु के लिए महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।
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मान्यता के मुताबिक पूरे नियम-निष्ठा से छठ का व्रत करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जातक के पुत्र की सूर्य देवता रक्षा खुद करते हैं।
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छठ पूजा में फलों का भी काफी महत्व है। छठ पूजा के लिए सूप और दउरा में 7 तरह के फलों को रखा जाता है। मान्यता के मुताबिक इससे छठी मैया प्रसन्न होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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श्रीफल छठ पूजा में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक नारियल यानी श्रीफलका सबसे ज्यादा महत्व है। मनोकामना पूर्ति के लिए इसे चढ़ाया जाता है।
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छठ पूजा में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण फल केला है। केले को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय फल माना गया है। छठ पूजा में केला चढ़ाने से सूर्य देवता के साथ-साथ छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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छठ पूजा में गन्ने विशेष महत्व है। मान्यता के मुताबिक, गन्ना चढ़ाने से छठी मैय्या प्रसन्न होती हैं। जातक को सुख, समृद्धि और आनंद प्रदान करती हैं।
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छठ पूजा में डाभ नींबू का काफी महत्व है। यह दिखने में बड़ा और पीले रंग का होता है। डाभ नींबू के बिना छठ पूजा के पर्व को अधूरा माना जाता है।
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हिंदू सनातन धर्म में मखाना को बहुत ही पवित्र, सुख-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। छठ पूजा में इससे इसे चढ़ाने से सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया भी खुश होती हैं।
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छठ पूजा में सुपारी चढ़ाने का खास महत्व है। छठ पूजा में सुपारी चढ़ाने से सूर्य के साथ-साथ छठी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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छठ पूजा में सुपारी चढ़ाने का खास महत्व है। छठ पूजा में सुपारी चढ़ाने से सूर्य के साथ-साथ छठी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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