Image Credit Google
लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू होते ही लोगों में एक अलग ही भावना उमड़ जाती है। छठ पूजा के इसी उत्साह के साथ देशभर में धूमधाम से तैयारियां की जाती हैं।
Image Credit Google
छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाएं अपनी आस्था और भक्ति से नाक तक सिन्दूर लगाती हैं, जिसका विशेष महत्व होता है।
Image Credit Google
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिन्दूर सुहागन स्त्री की निशानी होती है और नाक से लेकर माथे तक सिन्दूर भरने का अर्थ है पति की लंबी उम्र के लिए कामना करना।
Image Credit Google
मान्यताओं के अनुसार, जो महिला जितना लंबे समय तक सिन्दूर लगाती है, उसके पति की उम्र उतनी ही लंबी होती है। महिलाएं नाक से लेकर माथे तक सिन्दूर लगाती हैं।
Image Credit Google
एक पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि जब दुशासन दहाड़ते हुए द्रौपदी के कक्ष में पहुंचा तो ऋतु ने स्नान नहीं किया था और इसलिए उसने मांग में सिन्दूर भी नहीं लगाया था।
Image Credit Google
ऐसे में दुशासन ने कहा कि तुमने अभी तक यह भी तय नहीं किया है कि तुम्हें किसके नाम का सिन्दूर लगाना है और इतना कहकर वह द्रौपदी की कलाई पकड़कर खींचने लगा।
Image Credit Google
द्रौपदी अपने पतियों के सामने बिना सिन्दूर लगाए नहीं जा पाती थी। इसलिए उसने झट से सिन्दूरदानी को अपने सिर के ऊपर कर लिया।
Image Credit Google
इसके बाद गलती से सिन्दूर नाक तक चला गया इसलिए कपड़े उतारने के बाद द्रौपदी अपने बाल खुले रखती थीं और हमेशा लम्बा सिन्दूर नाक तक लगाती थीं।
Image Credit Google
छठ पूजा में तीन प्रकार के सिन्दूर का प्रयोग किया जाता है। पहला सिन्दूर लाल रंग का, दूसरा सिन्दूर पीला या नारंगी, तीसरा सिन्दूर मिट्टी वाला सिन्दूर होता है।
Image Credit Google
छठ पूजा में दो बड़े बांस की टोकरी आवश्यक होती है, जिन्हें सामान्य भाषा में सूप के नाम से जाना जाता है।
Image Credit Google
छठ पूजा के दिन व्रती महिलाएं व्रत की कथा सुनने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के लिए गाय का कच्चा दूध आवश्यक माना जाता है।
Image Credit Google
इसके बाद लाए गए सभी समाग्रियों से भगवान सूर्य को भोग लगाएं और परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।
Image Credit Google
5 out of 5