मान्यता है कि माता पार्वती की 108 वर्षों की लंबी तपस्या के बाद हरियाली तीज के ही दिन भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
हरियाली तीज का व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य और पारिवारिक जीवन के लिए रखती हैं।
हरियाली तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां अच्छे मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं।
इस साल हरियाली तीज के मौके पर 3 अत्यंत शुभ योग- सिद्ध योग, बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां सूर्योदय से 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को सुर्योदय से पहले स्नानादि से निवृत होकर माता पार्वती और शिव जी की पूरी आस्था और सच्चे मन से पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
हरियाली तीज के दिन पति-पत्नी को एक साथ मिलकर शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और घर में सुख-शांति का वास होता है।
तीज के दिन व्रती महिला को खुद से बड़ी सुहागिन महिलाओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद अवश्य लेनी चाहिए।
हरियाली तीज के दिन व्रती महिलाओं दिन के समय सोने से बचना चाहिए और भजन-कीर्तन पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए।
हरियाली तीज के दिन महिलाओं के ज्यादा से ज्यादा हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। हरे रंग को सुहाग का भी प्रतीक गया है।
हरियाली तीज के दिन व्रती महिलाओं को सफेद और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
हरियाली तीज के दिन व्रति महिलाओं को मन को शांत रखना चाहिए। मन में क्रोध या फिर द्वेष की भावना बिल्कुल नहीं लानी चाहिए।
5 out of 5