Author: Vidhan News Desk Published Date: 27/11/2023
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वायरल बुखार डेंगू का शुरुआती लक्षण एक सामान्य बुखार की तरह ही है, लेकिन कई बार यह जानलेवा भी हो जाता है।
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सामान्य तौर पर बुखार होने पर लोग पैरासिटामोल, कॉम्बिफ्लेम और एंटीबायोटिक दवाएं लेना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि इन दवाओं से वो जल्द ठीक हो जाएंगे।
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लेकिन डेंगू की स्थिति में एंटीबायोटिक कई बार बेहद खतरनाक हो जाती है और उनकी स्थिति की कंडीशन बिगड़ जाती है।
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दरअसल डेंगू एक वायरल फीवर है और इसमें एंटीबायोटिक दवाएं का सेवन शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।
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डॉक्टर्स के मुताबिक वायरस फीवर डेंगू में पैरासिटीमोल टेबलेट सबसे सुरक्षित और असरदार दवाई है। इसमें कोई अन्य दवाई लेना नुकसानदेह हो सकता है।
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डेंगू फीवर का मुख्य रुप से इलाज पैरासिटामोल टेबलेट से ही किया जाता है। अगर किसी कारण बस मरीज की स्थिति बिगड़ने लगती है तो अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
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डेंगू बुखार की स्थिति में कॉम्बिफ्लेम और एंटीबायोटिक दवाएं लेने से प्लेटलेट काउंट में गिरावट की आशंका रहती है और इससे पीड़ित की स्थिति ज्यादा बिगड़ सकती है।
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दरअसल डेंगू फीवर के दौरान पेनकिलर्स लेने से इंटरनल ब्लीडिंग की आशंका रहती है। लिहाजा इससे बचना चाहिए और सिर्फ पैरासिटामोल ही लेना चाहिए।
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डॉक्टर की मानें तो डेंगू के लक्षण दिखने पर एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और पेनकिलर दवाएं लेने से बचना चाहिए।
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कोई बार लोग दर्द और बुखार को कम करने के लिए खुद से ही इलाज शुरू देते हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं लेना खतरनाक हो सकता है।
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