Author:JYOTI MISHRA Published Date: 24/07/2024
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आपकी लाइफस्टाइल का सीधा कनेक्शन आपकी सेहत से है। अगर ये सही नहीं, तो इससे सेहत से जुड़ी कई सारी समस्याएं परेशान कर सकती हैं, साथ ही हार्मोन्स भी असंतुलित हो जाते हैं।
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इन्हें दूर करने के लिए लोग कई सारी की दवाओं का सेवन करते हैं, जिसके अलग तरह के प्रभाव शरीर पर देखने को मिलते हैं। फिजिकल परेशानी मेंटल हेल्थ को भी धीरे-धीरे प्रभावित करने लगती हैं।
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सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है वरना आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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बॉडी को एक्टिव रखना है बहुत जरूरी। इससे न सिर्फ आप फिजिकली बल्कि मेंटली भी हेल्दी रहते हैं, साथ ही हार्मोन्स भी बैंलेंस रहते हैं। रोजाना वर्कआउट करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। इससे मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है।
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टेस्टोस्टेरोन, आईजीएफ-1 और ग्रोथ हार्मोन उम्र के साथ कम होने लगते हैं, लेकिन व्यायाम से इनका लेवल बना रहता है। एक्सरसाइज से इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होता है और इंसुलिन का फंक्शन इंप्रूव होता है। जिसके कारण आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रोगों से बचे रहते हैं।
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मीठी चीज़ें खाने में तो बहुत टेस्टी लगती हैं, लेकिन यह आपके हार्मोन बैलेंस को खराब कर सकती है। मोटापे, डायबिटीज के साथ ही यह कई गंभीर रोगों की भी वजह बन सकता है। चीनी से फ्रुक्टोज मिलता है। लंबे समय तक फ्रुक्टोज का सेवन करने से गट माइक्रोबायोम बाधित होता है।
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आपकी डाइट और हार्मोन का गहरा रिश्ता है। इसलिए हमेशा हेल्दी डाइट पर फोकस करें। नेचुरल फैट खाने की कोशिश करें। इससे आपको भूख कम लगेगी और इंसुलिन कंट्रोल होगा। ओमेगा- 3 जैसे हेल्दी फैट एंटी इन्फ्लेमेट्री गुणों से भरे होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं।
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सबसे जरूरी बात आप कितना ही डाइट पर ध्यान क्यों न दें या रेगुलर एक्सरसाइज क्यों न करें, लेकिन अगर आपकी नींद में कमी रहती है, तो यह आपके हर्मोन को भी डिस्टर्ब कर सकती है। कम सोना यानी कार्टिसोल, लेप्टिन, ग्रेलिन साथ में इंसुलिन इन सभी के असंतुलन का कारण।
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