आभासी या काल्पनिक दुनिया में किया जाने वाला व्यायाम न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। इसके लिए इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी (IVR) में प्रशिक्षण करना एक अच्छा विकल्प है। 

जापान की तोहोकू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार, IVR का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जो लोग भारी व्यायाम (हेवी एक्सरसाइज) करने में असमर्थ हैं, वे भी आभासी प्रशिक्षण (वर्चुअली ट्रेनिंग) कर अपनी मानसिक सेहत सुधार सकते हैं।

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो रोजाना व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं। इनमें न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, दिल की बीमारी के गंभीर मरीज और गंभीर अवसाद से जूझ रहे लोग शामिल हैं। उनके लिए इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी (IVR) एक अच्छा विकल्प है।

इमर्सिव वर्चुअल रियलिटी एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम है, जिसका प्रयोग एक काल्पनिक दुनिया बनाने के लिए किया जाता है। 

इस दुनिया में उपभोक्ता(यूजर) अपना जीवन जैसा चाहे वैसा जीने के लिए स्वतंत्र है। यूजर को ऐसा लगता है मानो वह वास्तविक रूप से उस वातावरण का एहसास कर रहा हो जिस दुनिया में वह जीना चाहता है। 

हालांकि, वैज्ञानिकों ने वर्चुअल रियलिटी का आविष्कार मनोरंजन के लिए किया था, लेकिन अब चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े शोधकर्ता शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से इसके संबंध (कनेक्शन) की जांच कर रहे हैं।

एक अन्य शोध के मुताबिक, वर्चुअल रियलिटी में खुद को घूमते-फिरते देखने से वास्तव में हमारे शरीर में बदलाव देखने को मिलते हैं। इसके याददाश्त और दिमाग से जुड़े परिणाम भी देखे जा सकते हैं।

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आई वी आर से जुड़े ये बदलाव ठीक वैसे ही होते हैं जैसे शारीरिक सक्रियता के बाद हमें देखने को मिलते हैं। 

यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरनमेंटल रिसर्च में प्रकाशित हो चुका है।

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