Shimla Agreement: 1971 की जंग के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधारने की दिशा में उठाया गया कदम था शिमला समझौता
कश्मीर समेत जितने भी विवाद हैं उनका बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से हल निकाला जाएगा।
दोनों देश कश्मीर समेत किसी भी तरह के आपसी विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नहीं उठाएगा।
युद्ध बंदियों की अदला बदली की जाएगी यानी कि बंदी बनाए गए सैनिकों को उनके देश को सौंप दिया जाएगा।
इस समझौते में राजनयिक संबंधों को सुधारने व सामान्य करने की बात की गयी।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और दोबारा व्यापार शुरू करने की बात कही गयी।
कश्मीर में दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा यानी एलओसी निर्धारित की गयी।
यह भी कहा गया कि दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करेंगे।
दोनों देशों की सरकारें एक दूसरे के खिलाफ दुष्प्रचार नहीं करेगी।
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