Author: JYOTI MISHRA Published Date: 13/01/2024
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आयुर्वेद में कई तरह के ऐसे फूल हैं जिसका इस्तेमाल बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। इसकी मदद से कड़ा बनाया जाता है जो कई बीमारियों को ठीक करता है।
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भारत में युगो युगो से आयुर्वेद का महत्व देखने को मिलता है। प्राचीन काल में भी आयुर्वेद की मदद से इलाज की जाती थी।
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आयुर्वेद में कचनार को औषधीय पौधा बताया जाता है। इसके औषधीय गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
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कचनार की काढ़ा का इस्तेमाल पीसीओएस में किया जाता है। यह इस बीमारी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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कचनार के काढ़ा का इस्तेमाल अल्सर रोग को दूर करने में किया जाता है। इस रोग को दूर करने में यह फायदेमंद है।
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ट्यूमर, फाइब्रॉइड और थायरॉइड (थायरॉइड में पिएं यह खास पानी) में इसे जादुई माना जाता है।
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इसके फूल और तने से बने काढ़े से कफ और पित्त बैलेंस होता है। सर्दियों में जिन लोगों को कफ की समस्या होती है, उन्हें इसके काढ़े को जरूर पीना चाहिए। यह अस्थमा में भी आराम पहुंचाता है।
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जिन लोगों के मुंह में बार-बार छाले हो जाते हैं, उन्हें इसके काढ़े को जरूर लेना चाहिए। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह काढ़ा एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ट्यूमर, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है।
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