Authot:Jyoti Mishra Published:03/12/2024
Photo Credit: Google
हिंदू पंचांग के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर की दोपहर 3 बजकर 47 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. जैसे ही सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे खरमास शुरू हो जाएगा.
Photo Credit: Google
सूर्य के धनु में गोचर को धनु संक्रांति कहा जाता है. सूर्य का धनु में गोचर होते ही अगले 30 दिनों के लिए सभी शुभ-मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी.
Photo Credit: Google
खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, छेदन, वधू प्रवेश, षोडश महादान, शिशु संस्कार, नए काम या व्यापार की शुरुआत, गृह निर्माण आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
खरमास या मलमास को शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना गया है. वहीं इस महीने में पूजा-पाठ करना सूर्य देव, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा दिलाता है. आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करें क्या ना क
खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे सगाई, शादी विवाह आदि नहीं करना चाहिए.
सूर्य का धनु राशि में रहना अग्नि तत्व बढ़ा देता है, इस कारण खरमास में गृह प्रवेश, मुंडन-छेदन जैसे कार्य भी नहीं करना चाहिए.
खरमास में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना या पढ़ना बहुत शुभ फल देता है.
खरमास में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें. ऐसा करने से कुंडली में गुरु मजबूत होगा और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है.