Solah Shringar: जानिए हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं के लिए सोलह सिंगार का क्या है महत्व 

Author: JYOTI MISHRA       Published Date: 3/01/2024

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   शादी के बाद महिलाओं के लिए सोलह सिंगार बेहद जरूरी होता है. सोलह सिंगार के धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी बताया गया है.     

जरूरी है सोलह सिंगार

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हाथों के ऊपरी हिस्से में स्वर्ण, कुंदन या चांदी आदि धातुओं का बना हुआ बाजूबंद धारण किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका संबंध धन रक्षा से माना गया है.    

बाजूबंद     

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      पैरो चांदी की पायल शुभता और संपन्नता का प्रतीक होती है. बहू को घर की लक्ष्मी माना जाता है, इसलिए घर की संपन्नता बनाए रखने के लिए दुल्हन के श्रंगार में पायल आवश्यक मानी गई हैं.   

पायल     

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सुहागन स्त्री के लिए नथ एक आवश्यक आभूषण माना गया है. नथ पहनने से घर में खुशहाली आती है. 

नथ     

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धार्मिक मान्यतानुसार झुमका से पर्याय है ससुराल की बुरी बातों को न सुनकर हमेशा अच्छी बातें सुनें और सदैव सही मार्ग पर चलें.   

झुमका      

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मांग के बीचो बीच ये केवल आभूषण नहीं होता. बल्कि एक राय और शादीशुदा जीवन को सही और सीधे तरीके से चलाने की नसीहत भी होती है.

मांग का टीका  

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हिंदू धर्म में लाल रंग को बहुत महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह शुभता और सुहाग की निशानी माना जाती है.       

लाल जोड़ा

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गजरा     

धार्मिक मान्यानुसार बालों में गजरा लगाने से वैवाहिक जीवन में प्रेम की सुगंध से महकता है. 

हिंदू धर्म में विवाहित स्त्री के पैरों में बिछिया की पहनावा अनिवार्य माना जाता है. सुहाग के सामान में बिछिया भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.     

बिछिया     

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