Author: Vidhan News Desk Published Date: 27/11/2023
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युद्ध में धर्म की अधर्म पर जीत हुई। इस भीषण युद्ध में पांडवों ने कौरव सेना को हराया था।
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अक्सर महाभारत युद्ध को लेकर मन में कई सवाल उठते हैं। उन्हीं में से एक है कि उस युद्ध के दौरान सैनिकों के खाने का इंतजाम किसने किया?
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सैनिकों को खाना खिलाने का उल्लेेख महाभारत में ही है है। वह उडुपी के राजा थे जिन्हों ने 50 लाख से ज्यादा सैनिकों के खाने की व्यवस्था की थी।
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सैनिकों को खाना खिलाने का उल्लेेख महाभारत में ही है है। वह उडुपी के राजा थे जिन्हों ने 50 लाख से ज्यादा सैनिकों के खाने की व्यवस्था की थी।
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कौरव और पांडव दोनों चाहते थे कि उडुपी नरेश उनकी तरफ से लड़ें। पर यह तय नहीं हुआ था कि वे किसके साथ लड़ें।
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स्वयं उडुपी नरेश तय नहीं कर पा रहे थे कि किसका साथ दें। उन्हें सैनिकों के भोजन की चिंता भी सता रही थी।
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उडुपी नरेश अपनी चिंता को लेकर भगवान श्रीकृष्ण से मिले। उन्होंने कहा कि वे युद्ध में शामिल जरूर होना चाहते हैं, लेकिन शस्त्रों के माध्यम से नहीं।
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जब उडुपी नरेश श्रीकृष्ण से मिले तब वे राजा उडुपी के उनसे मिलने का प्रयोजन समझ गए और उनसे यह पूछा कि आप क्या चाहते हैं?
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श्री कृष्णश के पूछने पर राजा उडुपी ने दोनों ओर यानी कौरव-पांडवों के सैनिकों को भोजन, पानी व विश्राम आदि की व्यवस्था करने की बात कही।
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इस प्रकार उडुपी नरेश ने महायुद्ध में भाग लिया। पर तरीका अलग था। उन्हों ने सैनिकों के लिए 18 दिन तक भोजन की व्यवस्था कर अपना प्रयोजन सिद्ध किया।
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