Makar Sankranti Special Food: मकर संक्रांति पर खाये जाने वाले कुछ विशिष्ट पकवानों का महत्व

Author: Deepika Sharma Published Date: 8/01/2024

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मकर संक्रांति का त्यौंहार 13 से 15 जनवरी के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।

13 से 15 जनवरी

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 इस दिन एक विशेष खगोलीय घटना के तहत सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण हो जाता है। देश के कुछ भागों में यह फ़सल कटाई का पर्व भी है।

सूर्य मकर राशि में

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 इसे तमिलनाडु में पोंगल, उत्तर भारत में संक्रांति, उड़ीसा में मकर मेला, पंजाब में लोहड़ी और आसाम में भोगल बिहु के नाम से मनाया जाता है। 

अनेक नाम 

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इन सभी जगहों पर इस अवसर पर कुछ विशिष्ट पकवान बनाये जाते है, जिनका हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में कोई ना कोई योगदान ज़रूर होता है।

विशिष्ट पकवान

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आइये देखते हैं ये पकवान कौन कौन से है और स्वास्थय की दृष्टि से इनका क्या महत्व है।

स्वास्थय की दृष्टि से

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उत्तर भारत में संक्रांति के अवसर पर तिल और गुड़ के बने लड्डू (तिलगुड़), चिक्की, रेवड़ी और गजक खायी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार तिल और गुड़ दोनों में औषधीय और पोषक गुण पाये जाते हैं।

 तिल और गुड़ के पकवान

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 उत्तरप्रदेश, बिहार और गुजरात के कुछ भागों में संक्रांति पर चावल और मूंग दाल की खिचड़ी खाई जाती है। इसमें विभिन्न मसाले मिलाकर घी के साथ या घी के बिना खाया जाता है।

 खिचड़ी

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फ़ीणी : राजस्थान में संक्रांति के अवसर पर घी, मैदे और चीनी से बनी मिठाई घेवर और फ़ीणी खायी जाती है। घेवर गोल और मधुमक्खी के छत्ते जैसी और फ़ीणी तारनुमा मिठाई होती है।

घेवर

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फ़सल की कटाई के अवसर पर तमिलनाडु और दक्षिण भारत में चावल, दाल, मसालों, घी और गुड़ से बना मीठा पोंगल बनाया जाता है।

मीठा पोंगल

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