वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी जानें कुछ उपाय ,कैसे करें व्रत..
1 मई,सोमवार को वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है।
वैशाख एकादशी पूजा में चंद्र ग्रह के मंत्र ऊँ सों सोमाय नम: का जप करना चाहिए। मंत्र जप कम से कम 108 बार करें।
इस दिन की गई विष्णु पूजा और व्रत-उपवास से अक्षय पुण्य मिलता है और भगवान की कृपा से सभी दिक्कतें दूर होती हैं।
जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें दिनभर निराहार रहना चाहिए। अगर दिनभर भूखे रहना संभव न हो तो दूध और फलों का सेवन किया जा सकता है, फलाहार कर सकते हैं।
शाम को सूर्यास्त के बाद विष्णु पूजन करें। तुलसी के साथ शालीग्राम की पूजा करें। तुलसी के पास दीपक जलाएं।
एकादशी और सोमवार के योग में शिव जी का अभिषेक करें
तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। चांदी के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
शिवलिंग पर चंदन का लेप करें। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। हार-फूल, जनेऊ चढ़ाएं, श्रृंगार करें।
मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें ।
चंद्र देव का दूध से अभिषेक करें। दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
अगले दिन यानी मंगलवार (द्वादशी) को सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद पूजा करें और जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। इसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें।
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