Places to Visit in Bomdila : अरुणाचल प्रदेश का सपनों का शहर है बोमडिला

‘ला’ स्थानीय भाषा में दर्रे को कहा जाता है। बोमडिला दर्रा भारत को तिब्बत के ल्हासा से जोड़ता है।

यहां की चोटियों से आप दूर तक भूटान को जाती हुई सडक़ें भी देख सकते हैं।

यह शहर समुद्रतल से 2217 मीटर की ऊंचाई पर बसा है, जहां पहाड़ों की शांत खामोशी को आप करीब से महसूस कर सकते हैं।

यहां करीब 100 साल पुराना एक गोम्पा भी है जो तिब्बत की पारम्परिक बौद्ध शिल्पकला का अद्भुत नमूना है।

ऑर्किड के फूलों की रंगत देखनी हो तो टिपी ऑर्किड रिसर्च सेंटर जरूर जाना चाहिए। 10 हेक्टेयर में फैले इस सेंटर में ऑर्किड की तमाम वेराइटी मौजूद हैं।

बोमडिला बुद्ध के अनुयाइयों की आस्था का एक अहम केंद्र है। यहां मौजूद तीन गोंपा बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए तो खास अहमियत रखते हैं।

बोमडिला के मुख्य बाजार से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर बना ऊपरी गोंपा 15 वीं शताब्दी में बनी दक्षिणी तिब्बत की त्सोना गोंट्से मोनेस्ट्री की नकल है।

शहर के मुख्य बाजार से करीब 2 किलोमीटर चलने के बाद आप मध्‍य गोंपा के अहाते में पहुंचते हैं तो यहां का नजारा देखकर सारी थकान मिट जाती है।

मध्‍य गोंपा में गौतम बुद्ध के अलग-अलग अवतारों की तस्वीरें भी लगी हैं। मान्यता है कि यहां आकर पूजा अर्चना करने से भगवान बुद्ध सारी बीमारियां हर लेते हैं।

बाजार के बीचोंबीच बसा है निचला गोंपा। इसे थूबचोंग गेटसेल लिंग मोनेस्ट्री भी कहा जाता है।

बोमडिला पहुंचने के लिए गुवाहाटी तक प्लेन या ट्रेन से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली, मुंबई या कोलकाता जैसे बड़े शहरों से गुवाहाटी के लिए फ्लाइट और ट्रेन दोनों उपलब्ध हैं।

गर्मियों का मौसम यानी अप्रैल से अक्टूबर का समय यहां आने के लिए एकदम मुफ़ीद है।

बोमडिला तिब्बतन कारपेट के लिए जाना जाता है। बोमडिला के क्राफ्ट सेंटर और एथनोग्राफिक म्यूजय़िम से भी ये चीज़ें खऱीदी का सकती हैं।

विधान हिंदी समाचार

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