संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार व्रत 8 मई को रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। जिसकी शुरुआत 8 मई 2023 को शाम 6:18 से हो रही है।
संकष्टी चतुर्थी का समापन अगले दिन यानी 9 मई 2023 शाम 4:08 पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त माना जाता है, तोपूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:51 से दोपहर 12:45 तक का है।
इस शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं तो व्रत फलदाई होता है। साथ ही भगवान गणेश का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान गणेश की पूजा करें।
लकड़ी पर भगवान गणेश की प्रतिमा रखकर उन्हें हल्दी का तिलक लगाएं। अब दूर्वा, फूल माला, लड्डू और फल अर्पित करें।
अब भगवान गणेश के समीप घी का दीपक जलाएं।
घी से बने मोतीचूर के लड्डू या मोदक का भोग लगाकर अपनी गलती के लिए क्षमा याचना करें।
जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से संकष्टि चतुर्थी का व्रत रखता है उसकी हर एक मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं।
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