भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर स्थित है कोझिकोड जिसे पहले कालीकट कहा जाता था।
केरल राज्य का सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र और दुनिया में 192वां सबसे बड़ा शहर है यह।
सात समंदर पार कर जहां वास्को डी गामा पहुंचा था वह यही यानी यहां कोझिकोड से करीब 15 किमी दूर कप्पड़ बीच है।
यहां सरकार द्वारा स्थापित एक पत्थर का शिलालेख भी मौजूद है जिस पर खुदा हुआ है। वास्को डी गामा 'लैंडिंग’, वर्ष 1498।
कोझिकोड बीच से लगा हुआ एक सफेद लाइट हाउस है। यह एक 15 मीटर की संरचना है जिसका निर्माण 1907 में ब्रिटिश शासक ने करवाया था।
यहां मानांचिरा स्क्वॉयर शहर के दिल में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक तालाब है जिसे राजा जमोरिन ने चौदहवीं शताब्दी में बनवाया था।
यहां एस.एम.स्ट्रीट-प्राचीनतम बिजनेस हब है, जो आपको बेहद पसंद आएगा। इसके कई अन्य नाम हैं, जैसे स्वीटमेट स्ट्रीट, मिताई थेरुवु।
यहां वलयनाड देवी मंदिर है जहां प्रवेश करने के लिए केरल का पारंपरिक पहनावा मुंडू पहनना पुरुषों के लिए अनिवार्य है।
कोझिकोड से मात्र 10 किलोमीटर पहले एक तटीय गांव है बेपोर जो आज भी विशाल पानी के जहाज बनाने के लिए जाना जाता है।
यदि आप रोमांच के शौकीन हैं तो यहां से कुछ ही दूर स्थित वायलाड व्यू पॉइंट चले आइए। यह हाल ही में विकसित हुआ है।
कोझिकोड एक इंटरनेशनल सिटी है इसलिए आप यहां अंग्रेज, पुर्तुगाली,अरब हर स्वाद ले सकते हैं।
यदि खाने के शौकीन हैं तो आपको यहां मालाबार फूड फेस्ट में जरूर आना चाहिए।
यहां आइस उराठी, पर्रीपुर वडा जैसे लोकप्रिय मलयाली पकवान यहां आपको खूब लुभाएंगे।