Author: Jyoti Mishra Published Date: 13/07/2024
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महिलाओं के लिए हरियाली तीज का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है और यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं.
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हरियाली तीज के त्योहार पर महिलाएं सोलह सिंगार करती है और यह त्यौहार महिलाओं के लिए बेहद खास होता है.
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सनातन धर्म में काले रंग को शुभ नहीं माना गया है। यही वजह है कि किसी भी शुभ और मांगकिल कार्यों में काले रंग का उपयोग नहीं किया जाता है। ऐसे में हरियाली तीज के दिन सुहागिन व्रती महिलाओं को भूल से भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
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हरियाली तीज में शिवजी की पूजा का विधान है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव को दूध अर्पित किया जाता है। ऐसे में इस दिन व्रती महिलाओं को दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पूजन का शुभ फल नहीं मिलता है। इसके अलावा व्रती महिलाओं को चाहिए कि वे शुभ मुहूर्त में भी व्रत को खोलें।
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हरियाली तीज के दिन व्रती महिलाओं को किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन महिलाओं को क्रोध पर भी नियंत्रण रखना चाहिए।
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हरियाली तीज व्रत के दिन अधिकांश महिलाएं निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं और ऐसा करती भी हैं। ऐसे में व्रत-पूजन की शुभता को बरकरार रखने के लिए इस दिन पूजा से पहले भूलकर भी जल का सेवन ना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत टूट जाता है।
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हरियाली तीज का व्रत बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसे में इस दिन व्रती महिलाएं भूलकर भी शारीरिक संबंध ना बनाएं। वहीं इस दिन सुहागिन महिलाओं के पति को भी इंद्रीय पर नियंत्रण रखना चाहिए। दरअलस ऐसा करने से व्रत भंग हो जाता है और इसका उल्टा प्रभाव पड़ता है। साथ ही दांपत्य जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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\हरियाली तीज के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपका व्रत सफल नहीं होगा.
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इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसका विधान न्यूज़ अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करता हैं।
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