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Climate Change Impact: अगले 76 सालों में एक मीटर बढ़ सकता है समुद्र का स्तर, अनुमानित तबाही से परे होंगे हालात

Science News in Hindi: एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि जलवायु परिवर्तन के कारण साल 2100 तक समुद्र का स्तर एक मीटर तक बढ़ सकता है।

साल 2100 तक समुद्र के स्तर में वृद्धि की चेतावनी
साल 2100 तक समुद्र के स्तर में वृद्धि की चेतावनी

Climate Change Impact,Sea Level Rise: एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्ष 2100 तक समुद्र के स्तर में एक मीटर तक की वृद्धि हो सकती है। नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, समुद्र का बढ़ता स्तर तटीय इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए खतरा बन सकता है। वर्जीनिया के नॉरफॉक से फ्लोरिडा के मियामी तक दक्षिण पूर्व अटलांटिक तट पर 1.4 करोड़ से अधिक लोग इससे प्रभावित होंगे।

2100 तक भूजल के संपर्क में आ सकते हैं लोग

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 2100 तक तटीय क्षेत्रों की 70 प्रतिशत आबादी उथले या उभरते हुए भूजल के संपर्क में आ सकती है। यह स्थिति दैनिक बाढ़ से कहीं ज्यादा गंभीर साबित होगी। इसका सीधा असर संपत्ति की कीमतों पर होगा, जिससे करीब एक ट्रिलियन डॉलर की गिरावट आ सकती है। सड़कों, इमारतों और अन्य बुनियादी ढांचे पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बाढ़ और तूफान बढ़ाएंगे खतरा

शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ-साथ तटीय तूफान और समुद्री तूफान बाढ़ के जोखिम को और बढ़ा देंगे। अगर समुद्र का स्तर एक मीटर बढ़ता है, तो क्षेत्र के 50 प्रतिशत लोग बाढ़ के खतरे की चपेट में आएंगे, जिससे संपत्ति की कीमतों पर लगभग 770 अरब डॉलर का असर पड़ेगा। इसके अलावा, दक्षिण पूर्व अटलांटिक क्षेत्र के 80 प्रतिशत रेतीले समुद्र तटों को नुकसान होगा।

जमीन धंसने से बढ़ रही समस्या

दक्षिण पूर्व अटलांटिक तट के कई इलाकों में जमीन धंसने की समस्या और समुद्र के बढ़ते प्रभाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इन खतरों से निपटने के लिए ठोस अनुकूलन उपाय जरूरी हैं।

रणनीतियों की जरूरत

वर्जीनिया टेक के भूविज्ञान विभाग के मनोचेहर शिरजेई ने कहा, “हमें यह पुनर्विचार करने की आवश्यकता है कि हम भविष्य के लिए कैसे योजना बनाते हैं। तटीय क्षेत्रों में जलवायु खतरों को पहचानकर प्रभावी लचीलापन रणनीतियां अपनाने से समुद्र के स्तर में वृद्धि और चरम मौसमी घटनाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है।”

भविष्य के लिए जरूरी कदम

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के सहयोग से किए गए इस अध्ययन ने यह निष्कर्ष निकाला कि समुद्र के स्तर में वृद्धि, बाढ़, समुद्र तटों का कटाव और जमीन धंसने जैसे तटीय खतरों के मिले-जुले प्रभाव का आकलन करना बेहद जरूरी है। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो 21वीं सदी के अंत तक स्थिति और खराब हो सकती है।

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