Home दुनिया एलन मस्क मंगल पर इंटरनेट क्यों पहुंचाना चाहते हैं, कौन करेगा इसका...

एलन मस्क मंगल पर इंटरनेट क्यों पहुंचाना चाहते हैं, कौन करेगा इसका उपयोग, और क्या है उनका प्लान?

Elon Musk ने अपनी कंपनी स्पेसएक्स के माध्यम से मंगल ग्रह पर भी पृथ्वी जैसी इंटरनेट सुविधा प्रदान करने की योजना पेश की है। नासा को दिए इस प्रस्ताव में उन्होंने बताया है कि जिस तरह उन्होंने पृथ्वी की कक्षा में हजारों सैटेलाइट्स लगाकर स्टारलिंक नेटवर्क तैयार किया है, उसी तरह वे मंगल पर भी 'मार्सलिंक' नेटवर्क स्थापित करने का प्रस्ताव दे रहे हैं

एलन मस्क का मार्सलिंक प्लान: मंगल ग्रह पर इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने की पहल

Elon Musk की कंपनी स्पेसएक्स ने मंगल ग्रह पर इंटरनेट सेवा देने की योजना बनाई है, जिसमें पृथ्वी की तरह ही इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना शामिल है। नासा को दिए इस प्रस्ताव में, मस्क ने बताया कि जिस तरह उन्होंने पृथ्वी की कक्षा में स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क तैयार किया है, वैसे ही ‘मार्सलिंक’ नामक नेटवर्क मंगल पर भी स्थापित किया जा सकता है।

मंगल के अभियानों के लिए संचार का साधन

यह इंटरनेट प्रणाली भविष्य में मंगल पर जाने वाले अभियानों के लिए एक संचार माध्यम के रूप में कार्य करेगी। हाल ही में नासा द्वारा आयोजित ‘मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम एनालिसिस ग्रुप’ की बैठक में स्पेसएक्स ने मंगल की कक्षा में सैटेलाइट्स स्थापित कर डेटा एक्सचेंज के लिए एक नेटवर्क तैनात करने का प्रस्ताव रखा

मंगल पर इंसानी बस्ती बसाने की योजना

स्पेसएक्स का यह प्रस्ताव मस्क की मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने और वहां खोज अभियानों को सहयोग देने की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मार्सलिंक नेटवर्क पृथ्वी पर सक्रिय स्टारलिंक सिस्टम की तरह ही काम करेगा, जो सैटेलाइट्स के माध्यम से संपूर्ण ग्रह को इंटरनेट सुविधा प्रदान कर रहा है।

मंगल-पृथ्वी संचार में सुधार

मंगल ग्रह पर मार्सलिंक नेटवर्क स्थापित होने से वहां की सतह पर संचार सेवाओं में सुधार होगा। साथ ही, मंगल और पृथ्वी के बीच संचार बेहतर होने से नासा के मंगल अभियानों में भी मदद मिलेगी। यह वैज्ञानिक अनुसंधान और डेटा संग्रहण के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होगा।

अन्य कंपनियों के भी प्रस्ताव

नासा के पास स्पेसएक्स के अलावा ब्लू ओरिजिन और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियों के वैकल्पिक प्रस्ताव भी हैं। ब्लू ओरिजिन ने ‘ब्लू रिंग ऑर्बिटल टग’ प्रस्तावित किया है, जो अंतरिक्ष में डेटा भेजने और क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रोसेसिंग के लिए काम आएगा। वहीं, लॉकहीड मार्टिन ने MAVEN अंतरिक्षयान को संचार में उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है, जो नासा के डीप स्पेस नेटवर्क की तरह कार्य करेगा।

नासा और निजी कंपनियों का सहयोग

नासा अब मंगल अभियानों के लिए निजी कंपनियों के साथ भागीदारी पर ध्यान दे रहा है। एजेंसी ऐसी तकनीकी साझेदारियों पर काम करना चाहती है, जो भविष्य के मानव अभियानों के लिए आवश्यक तकनीकी संसाधन प्रदान कर सकें। इसके अतिरिक्त, नासा लेजर-आधारित संचार तकनीकों पर भी काम कर रहा है, जो डीप स्पेस में तेज और कुशल संचार सेवाएं प्रदान कर सकती हैं

मंगल ग्रह पर इंसानी मिशन की चुनौतियाँ

मंगल पर इंसान को भेजने और वहां जीवन-यापन के साधनों को विकसित करने की कई चुनौतियाँ हैं। इनमें मंगल पर ऑक्सीजन, ईंधन की व्यवस्था, तेज गति से यात्रा और मानव जीवन को लंबे समय तक वहां सुरक्षित रखने का समाधान शामिल है। नासा और निजी कंपनियाँ इन सभी चुनौतियों पर गहन अनुसंधान कर रही हैं ताकि भविष्य में मंगल की लंबी यात्रा को इंसानों के लिए सुगम बनाया जा सके।

ये भी पढ़ें-Science News: सूरज पर हुए जबरदस्त धमाके, पृथ्वी की ओर बढ़ने…

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

Exit mobile version