
Hypersonic Missile: भारत ने अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम है। यह मिसाइल 1,500 किलोमीटर तक विभिन्न पेलोड ले जाने की क्षमता रखती है। भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और इस उपलब्धि ने भारत को हाइपरसोनिक तकनीक वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल कर दिया है।
चीन, रूस और अमेरिका के बाद भारत का सफल परीक्षण
यह सफलता भारत को चीन, रूस और अमेरिका के साथ हाइपरसोनिक हथियारों के विकास और तैनाती की दौड़ में खड़ा करती है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शाम 6.55 बजे किया गया। परीक्षण में मिसाइल ने मच 6 की गति से उड़ान भरी और 1,500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक अपने पेलोड को सुरक्षित रूप से पहुंचाया।
मच 6 स्पीड से भरी उड़ान
मिसाइल ने मच 6 की गति से उड़ान भरी, जो ध्वनि की गति से छह गुना तेज है। अधिकारियों के अनुसार, परीक्षण के दौरान मिसाइल की ट्रैकिंग और प्रभाव की पुष्टि की गई, जिसमें उच्च सटीकता के साथ सफल टर्मिनल युद्धाभ्यास किया गया।
रक्षा मंत्री का बयान: ‘ऐतिहासिक क्षण’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे ‘ऐतिहासिक क्षण’ और ‘शानदार उपलब्धि’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण ने भारत को उन देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जो उन्नत सैन्य तकनीकों के विकास में सक्षम हैं। पूर्व डीआरडीओ अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने इसे एक ‘गेमचेंजर’ बताया, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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नौसेना के लिए तैयार होगा Hypersonic Missile
यह मिसाइल, जो बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल की विशेषताएं रखती है, अगले कुछ वर्षों में परीक्षणों के बाद उत्पादन और तैनाती के लिए तैयार होगी। नौसेना के लिए इसका विशेष संस्करण युद्धपोतों को लंबी दूरी से सटीकता के साथ नष्ट करने के लिए विकसित किया जाएगा।
Hypersonic Missile का महत्व
हाइपरसोनिक हथियार अपनी तेज गति, पैंतरेबाजी क्षमता और कम ऊंचाई में उड़ान भरने की क्षमता के कारण मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों से बचने में सक्षम होते हैं। यह भारत के लिए सैन्य क्षेत्र में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में और भी अधिक उन्नत हथियारों के विकास की दिशा में एक नई उम्मीद है।
चीन और रूस से प्रतिस्पर्धा
चीन और रूस पहले ही परमाणु-सक्षम हाइपरसोनिक हथियारों के परीक्षण में आगे निकल चुके हैं। भारत के लिए यह परीक्षण चीन और रूस के साथ प्रतिस्पर्धा करने का एक कदम है, खासकर जब चीन ने 2021 में हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का परीक्षण किया था, जिससे दुनिया भर में हलचल मच गई थी।
हाइपरसोनिक तकनीक का विकास
भारत ने 2019 में हाइपरसोनिक तकनीक प्रदर्शक वाहन का परीक्षण किया था, हालांकि वह विफल हो गया था। लेकिन 2020 में इसका दूसरा परीक्षण सफल रहा, और अब भारत हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास में एक महत्वपूर्ण सफलता की ओर बढ़ रहा है।
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