Israel Iran War: सीक्रेट मीटिंग में अमेरिका ने इरान को सौंप दी मोसाद एजेंट्स की लिस्ट, इजरायल के साथ हुआ घोखा ? 

Israel Iran War: ईरान और इजरायल के बीच तनाव सातवें आसमान पर है। इस बीच खबरें आ रही है कि अमेरिका ने ईरान के साथ सीक्रेट मीटिंग की है। इस मीटिंग में अमेरिका ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खुमैनी को मोसाद एजेंट्स की लिस्ट दी है।

कुन्दन सिंह, संवाददाता: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से ही ईरान लगातार इंतकाम की आग में धधक रहा है। ईरान इजरायल को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कभी भी उसपर हमला कर सकता है। दोनों देशों के बीच लगातार युद्ध (Israel Iran War) जैसी स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि वह कभी भी इजरायल पर हमला कर सकता है, लेकिन वह फूंक-फूक कर कदम रख रहा है और दुनिया के अन्य देशों को भी अपने साथ जुगत में जुटा है। बताया जा रहा है कि इसके उसने अमेरिका से हाथ मिला लिया है और अमेरिका भी अपने दोस्त इरजायल को दगा देकर ईरान से हाथ मिला लिया है।

खबरों के मुताबिक इसके लिए अमेरिका और ईरान के साथ न सिर्फ एक सीक्रेट मीटिंग की है, बल्की इसी मीटिंग में अमेरिका ने ईरान को मोसाद के उन एजेंटों की लिस्ट सौंपी है, जो इस्माइल हानिया की हत्या और हत्या की प्लानिंग में शामिल थे। इजरायल ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के लिए भी अमेरिका और ईरान के बीच हुआ ये सीक्रेट मीटिंग हैरान करने वाला है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अमेरिका यानी जो बाइडेन प्रशासन ने अपने सबसे जिगरी दोस्त इजरायल यानी बेंजामिन नेतन्याहू से गद्दारी कर ईरान के सर्वोच्च नेता अली खुमैनी से हाथ मिला लिया है और ये अमेरिका की ये बेवफाई इजरायल पर भारी पड़ सकती है ?

दुनिया भर की तमाम अखवारों में आ रही खबरों के मुताबिक ये मीटिंग ओमान की मध्यस्थता के कारण संभव हुई। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि ओमान की मध्यस्थता से एक उच्‍च स्‍तरीय अमेरिकी सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल ने गुप्त रुप से ईरान की यात्रा की और दोनों देशों के बीच ये सीक्रेट मीटिंग की राजधानी तेहरान हुई है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के तुर्की के रास्ते ईरान पहुंचे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी लोग पिछले गुरुवार को करज के पयम-ए-खोराम एयरपोर्ट पर उतरे थे।

खबरों के मुताबिक इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खुमैनी के साथ भी मुलाकात और मीटिंग की। इस बैठक में अमेरिका ने ईरान से तनाव कम करने की अपील की। साथ ही अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने ईरान के समझाने की कोशिश की कि बाइडन प्रशासन को हमास नेता इस्माइल हानिया और हिजबुल्ला कमांडर फुआद शुक्र की हत्या की किसी भी योजना की जानकारी नहीं थी। अपनी दलील देते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने ईरान से कहा कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मामले में अमेरिका को पूरी तरह अंधेरे में रखा था।

बताया जा रहा कि इस सीक्रेट मीटिंग में अमेरिका ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खुमैनी को मोसाद के उन 10 एजेंट्स की लिस्ट भी सौंपी है, जो हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्याकांड में शामिल थे। आपको बता दें कि इजरायल ने फुआद शुक्र की हत्या की जिम्मेदारी ली थी, मगर इस्माइल हानिया की हत्या पर अब तक चुप्पी साधे हुए है। इजरायल ने अभी तक इस्माइल हनिया की हत्या को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। ऐसे में अमेरिका का ईरान को इजरायल के एजेंटों का लिस्ट सौंपना इस्माइल हनिया की हत्या इजरायल के हाथ होने की पुष्टी करता है।

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दरअसल, हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या उस वक्त हुई थी, जब वह ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान में थे। इस्माइल हानिया तेहरान में एक गेस्टहाउस में रुके थे, तभी उन्हें बम से उड़ा दिया गया था। बताया जा रहा है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस्माइल हानिया के कमरे में विस्फोटक रखने के लिए ईरानी सुरक्षा एजेंटों को काम पर रखा था। हानिया की हत्या में शामिल सभी एजेंट ईरान छोड़कर भाग चुके हैं। मगर इनका कनेक्शन अभी भी ईरान के साथ बना हुआ है।

ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका आखिर ऐसा कर क्यों रहा है। वह अपने सबसे भरोसेमंद दोस्त इजरायल को क्यों धोखा क्यों दे रहा है? अमेरिका, इजरायल और ईरान पर करीब से नजर रखने वाले वैश्विक मामलों के जानकारों के मुताबिक अमेरिका इलाके में शांति बहाली के रुप में ऐसा कर रहा है। अमेरिका का साफ-साफ कहना है कि इजरायल ने पेंटागन को बिना बताए इस घटना को अंजाम दिया है। उसने हानिया की हत्या को लेकर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बाइडेन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इसके साथ ही अमेरिका ईरान और इजरायल के बीच भी तनाव को कम करना चाहता है।

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