Pakistan:पाकिस्तान के चित्राल जिले में स्थित कलश समुदाय अपने अनोखे रीति-रिवाजों और संस्कृति के कारण रहस्य बना हुआ है। यहाँ की महिलाओं को समाज में काफी आजादी मिलती है, जो पाकिस्तान के बाकी रूढ़िवादी समाज से बिल्कुल अलग है। इस घाटी की यही विशेषता इसे पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बनाती है।
कलश समुदाय और उनकी विशेषता
कलश समुदाय के लोग “कलाशा” या “काफिर” नाम से भी जाने जाते हैं। अपनी खूबसूरती और अनोखे पहनावे के कारण ये लोग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि यहां की महिलाएं दुनिया की सबसे सुंदर महिलाओं में गिनी जाती हैं। सदियों से इस घाटी में बसे ये लोग अपने गोरे रंग और हल्की आंखों के कारण आसपास के लोगों से अलग दिखाई देते हैं।
क्या कलश लोग सिकंदर महान के वंशज हैं?
ऐसा माना जाता है कि कलश लोग सिकंदर महान के वंशज हो सकते हैं। यह दावा उनके गोरे रंग और चेहरे की विशेषताओं के आधार पर किया गया। इस्लामाबाद के थिंक टैंक द्वारा किए गए शोध में इस पर नए दावे किए गए हैं कि ये लोग कैनन क्षेत्र, वर्तमान इजरायल, फिलिस्तीन, लेबनान और सीरिया से ताल्लुक रखते हैं। डीएनए शोध से यह साबित हुआ है कि इनके पूर्वज पश्चिमी यूरेशिया से आए थे।
कलश घाटी की महिलाओं को अद्वितीय स्वतंत्रता
कलश समुदाय की महिलाएं यहां काफी स्वतंत्र हैं। जहां पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में महिलाओं के लिए कड़े नियम हैं, वहीं कलश घाटी की महिलाएं खुले वातावरण में पुरुषों से बातचीत करती हैं और बिना किसी पाबंदी के अपने जीवनसाथी का चुनाव भी कर सकती हैं। अगर वे किसी अन्य पुरुष के साथ रहना चाहें तो वे अपने पति को छोड़कर उससे शादी कर सकती हैं।
शादी के नियम और रीति-रिवाज
कलश घाटी में महिलाओं को शादी और तलाक के मामले में स्वतंत्रता है। यदि महिला शादी के बाद किसी अन्य पुरुष के साथ भागना चाहती है, तो नए पति को पहले पति को दोगुना धन चुकाना होता है। अगर महिला ने तलाक के बाद दोबारा शादी नहीं की तो उसके पिता को यह राशि लौटानी होती है।
कलश समुदाय की अनोखी जीवनशैली और परिधान
कलश समुदाय अपने रंग-बिरंगे परिधानों और अनोखे अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है। यहाँ की महिलाएं काले कपड़े, रंग-बिरंगी कढ़ाई, मोतियों की माला और हेडड्रेस पहनती हैं। कुछ महिलाओं के चेहरे पर टैटू भी होते हैं। इस समुदाय के लोग अपने बालों को लंबा रखते हैं और उन्हें सुंदर चोटियों में बाँधते हैं।
अनोखे रीति-रिवाजों की छवि
कलश समुदाय के लोग एनिमिस्टिक अनुष्ठानों को मानते हैं और अपनी संस्कृति को संरक्षित रखते हैं। यह समुदाय आज भी अपनी प्राचीन धरोहरों को बनाए हुए है और इस कारण से इसे दुनिया भर के इतिहासकार और शोधकर्ता समझने के लिए उत्सुक रहते हैं।
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