वैज्ञानिकों की चेतावनी-मंगल ग्रह पर घातक होगा जीवन, मनुष्य का रंग होगा हरा,चली जाएगी आंखो की रोशनी,ये है बड़ी वजह 

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, तो यह मनुष्यों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वहां की कठोर परिस्थितियों के कारण इंसानों की त्वचा का रंग हरा हो सकता है और आंखों की रौशनी खत्म होने का खतरा भी है। जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी- 

मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजना अंतरिक्ष में जीवन की खोज के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मंगल ग्रह की कठोर परिस्थितियों के कारण वहां जीवन स्थापित करना मनुष्यों के लिए बेहद मुश्किल साबित हो सकता है। वहां के वातावरण में इंसानों की त्वचा हरी हो सकती है और उनकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

मंगल की राह बेहद कठिन

टेक्सास की राइस यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डॉ. स्कॉट सोलोमन के अनुसार, अगर मंगल पर इंसानों ने बसना शुरू किया, तो वहां पैदा होने वाले बच्चे भारी उत्परिवर्तन और विकासवादी परिवर्तनों का सामना कर सकते हैं। यह सब मंगल ग्रह के कम गुरुत्वाकर्षण और उच्च विकिरण के कारण होगा, जिससे त्वचा का रंग हरा, मांसपेशियां कमजोर, दृष्टि खराब, और हड्डियां भंगुर हो सकती हैं।

ये है बड़ी वजह 

मंगल पर जीवन आसान नहीं है क्योंकि पृथ्वी की तुलना में वहां 30% कम गुरुत्वाकर्षण है और ग्रह पर चुंबकीय क्षेत्र व सुरक्षात्मक ओजोन परत का अभाव है। ऐसे वातावरण में मानव शरीर में अत्यधिक दर से उत्परिवर्तन हो सकता है ताकि वे नई परिस्थितियों का सामना कर सकें। इससे इंसानों की त्वचा का रंग बदलकर हरा हो सकता है, जिससे उन्हें विकिरण से बचने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण कमजोर हड्डियां प्रसव के दौरान महिलाओं के श्रोणि को नुकसान पहुंचा सकती हैं, और छोटे बंद क्षेत्रों में रहने के कारण दृष्टि कमजोर हो सकती है।

जल्द ही मंगल पर जीवन स्थापित करने की योजना

हालांकि, मंगल पर जीवन स्थापित करने की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। नासा 2030 के दशक तक मंगल पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है, और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क का कहना है कि अगले 30 वर्षों में इंसान मंगल पर एक शहर में रह सकते हैं। इसके लिए कई नए मिशन भी लॉन्च किए जा रहे हैं।

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