Home दुनिया Middle East Tension War: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से खौफ...

Middle East Tension War: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से खौफ में ईरान, करने लगा है ये खुशामद!

Middle East Tension War: मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से ईरान खौफ में है और वह अमेरिका से लागातर बातचीत की अपील कर रहा है। ईरान को डर है कि कहीं इजरायल के साथ मिलकर अमेरिका उस पर हमला न कर दें।

Middle East Tension War
Middle East Tension War

कुन्दन सिंह, संवाददाता: मिडिल ईस्ट (Middle East Tension War) में पिछले एक साल से जारी तनाव अपने चरम पर है और फिलहाल इसके कम होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इजराइल का हमास और हिजबुल्लाह के साथ भीषण युद्ध जारी है तो इसमे ईरान की एंट्री से मामला और उलझ गया है। इजरायल का जहां इरान के सीधे सैन्य टकराहट की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं इजरायल के समर्थन में अमेरिका भी आता दिख रहा है। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने जाने से ईरान की सांसें अटक गई है। इरान एक तरफ दबी जुबान से जहां परमाणु हमले की गीदड धमकी दे रहा है तो दूसरी तरफ वह अमेरिका के बनने वाले अगले राष्ट्रपति ट्रंप से हमला नहीं करने की मिन्नतें भी कर रहा है।

ईरान डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले तक इजरायल और अमेरिका को लगातार धमका रहा था। ईरान के नेता और ईरान के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ यानी IRGC के सैन्य कमांडर अमेरिका को तबाह करने की बात कर रहे थे। 6 नवंबर से अचानक उनके सुर बदल गए हैं। इजरायल और अमेरिका को मिसाइलों से दहलाने की धमकी देने वाले ईरान को अब खुद अपनी तबाही का डर सता रहा है। उसकी आंखों में सर्वनाश की तस्वीर रेंगने लगी है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने से ईरान सकते में है।

दरअसल ट्रंप का ईरान के प्रति पूर्व में तल्ख तेवर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में ईरान के पूर्व IRGC कुद्स फोर्स कमांडर कासिम सुलेमानी को एक ड्रोन हमले में मार गिराया था। इसके साथ ही अमेरिका ने ईरान के साथ साल 2018 में परमाणु समझौते से भी हाथ खींच लिए थे। साथ ही अमेरिका ने ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध भी लगा दिए थे।

इसके बाद साल 2023 में ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप को मारने की धमकी भी दी थी। फरवरी 2023 में ईरानी फौज के एयरोस्पेस कमांडर अमीरअली हाजीजादेह ने कहा था कि वह डोनाल्ड ट्रंप, माइक पोम्पिओ, पूर्व CENTCOM प्रमुख केनेथ और मैकेंजी को मारने में सक्षम होगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि जिन्होंने ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था, उससे भी बदला लिया जाएगा।

अब डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति चुने से ईरान को अपने ऊपर अमेरिकी हमले का डर सताने लगा है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाते ही अमेरिकी न्याय विभाग ने 8 नवंबर को खुलासा किया कि IRGC की ओर से ट्रंप को मारने की भी सुपारी दी गई थी। इसमें दावा किया गया कि IRGC इसके लिए ईरान में रहने वाले फरहाद शकेरी नाम के एक अफगान नागरिक को सुपारी दी थी। हालांकि ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ट्रंप की हत्या की साजिश आरोपों को मनगढंत बताते हुए खारिज कर किया है।

यही कारण है कि ईरान अब अमेरिकी के हमले की आशंका से डरा हुआ है और वह अब अमेरिका से शांति की मिन्नतें करने में जुट गया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने आरोपों को मनगढंत बताते हुए खारिज किया है। ईरान इतना डरा हुआ है कि वह डोनाल्ड ट्रंप से अपने दूसरे कार्यकाल में ईरान के नीति पर से विचार करने की अपील कर रहा है।

ईरान के उप राष्ट्रपति मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि ट्रंप को अहसास हुआ होगा कि उनके द्वारा शुरू की गई अधिकतम दबाव नीति के कारण ईरान ने परमाणु संवर्धन 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 फीसदी कर लिया है। ऐसे में ट्रंप को दिखाना चाहिए कि वो अतीत की गलत नीतियों का पालन नहीं कर रहे हैं। जवाद जरीफ ही नहीं ईरीनी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने जंग होने पर महायुद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ईरान परमाणु हथियारों के पीछे नहीं है और इसका असर केवल पश्चिम एशिया तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह मिडिल ईस्ट से आगे भी फैल सकता है।

यह भी पढ़ें- मिडिल ईस्ट में महायुद्ध का काउंटडाउन शुरू, तो क्या तीसरे विश्व युद्ध का होने वाला है आगाज?

ईरान के इस बयान का मतलब ये निकाला जा रहा है कि ईरान परमाणु बम बनाने में जुटा है, क्योंकि ईरानी मिडिया ने दावा किया कि ईरान ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया है। अभी ईरान के पास मिडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।जिनकी रेंज 2500 किलोमीटर तक सीमित है। इस रेंज को वो बढा रहा है, वहीं ईरान के एक सांसद अहमद नादेरी ने कहा कि ईरान को जल्द से जल्द परमाणु परीक्षण करना चाहिए और उसकी औपचारिक घोषणा में देरी नहीं होनी चाहिए।

ईरान की इन धमकियों से साफ है कि ईरान ने परमाणु बम बनाने का काम तेज कर दिया है और इसीलिए ईरान, अमेरिका से अपनी नीतियों को बदलने की मिन्नत भी कर रहा है। क्योंकि उसे पता है कि अगर इस वक्त इजरायल और अमेरिका ने हमला किया तो वो परमाणु बम बनाने के अपने मिशन में कभी कामयाब नहीं हो पाएगा।

यह भी पढ़ें- मिडिल ईस्ट में महायुद्ध की विध्वंसक तैयारी, इजरायल पर हमला करना ईरान को पडेगा भारी

अमेरिका और इजरायल पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। इजरायल ने साफ चेतावनी दी है कि इस बार ईरान ने हमला किया तो उसके परमाणु ठिकाने निशाना हो सकते हैं। अमेरिका ने भी बॉम्बर विमान और F-15 स्ट्राइक ईगल विमानों को हमले के लिए मिडिल ईस्ट में तैनात कर दिया है। जिससे ईरान डरा और सहमा हुआ है।

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

Exit mobile version