
Science News in Hindi: हमारे सौरमंडल में केवल दो चट्टानी ग्रह हैं जिनके पास चंद्रमा हैं पृथ्वी और मंगल। नई रिसर्च में मंगल के चंद्रमाओं के निर्माण के बारे में एक दिलचस्प दावा किया गया है, जो पहले के विचारों से अलग है। इस शोध में बताया गया है कि मंगल के चंद्रमा फोबोस और डीमोस पृथ्वी के चंद्रमा की तरह एक भयानक टक्कर के परिणामस्वरूप बने थे।
मंगल के चंद्रमा: एस्टेरॉयड या कुछ और?
फोबोस और डीमोस को देखकर ये एस्टेरॉयड जैसे लगते हैं, जो मंगल के गुरुत्वाकर्षण से फंसे हुए हों। हालांकि, यह विचार पूरी तरह से सही नहीं है। मंगल का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी या शुक्र के मुकाबले कम है, और इस कारण कोई भी एस्टेरॉयड को पकड़ना मंगल के लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा, जिन चंद्रमाओं को ग्रह के गुरुत्वाकर्षण ने पकड़ लिया है, उनकी कक्षाएं अधिक दीर्घवृत्ताकार होती हैं, जबकि फोबोस और डीमोस की कक्षाएं गोलाकार हैं।
नई रिसर्च और चंद्रमाओं का निर्माण
नई रिसर्च एक वैकल्पिक मॉडल पेश करती है, जिसमें कहा गया है कि मंगल के चंद्रमा पृथ्वी और थिया के समान एक प्रारंभिक टक्कर के परिणामस्वरूप बने थे। इस मॉडल के अनुसार, मंगल के द्रव्यमान का लगभग 3 प्रतिशत वजन वाला कोई बड़ा एस्टेरॉयड या धूमकेतु मंगल से टकराया था। इस टक्कर ने एक बड़ा मलबा घेरा बनाया, जिससे दो चंद्रमाओं का निर्माण हुआ।
फोबोस और डीमोस की कक्षाएं
इस मॉडल से यह समझाया जा सकता है कि फोबोस और डीमोस की कक्षाएं गोलाकार हैं। हालांकि, इस सिद्धांत में भी कुछ समस्याएं हैं। टक्कर से बना मलबा आमतौर पर ग्रह के करीब एक घेरे के रूप में बनता है, लेकिन फोबोस मंगल के बहुत करीब परिक्रमा करता है, जबकि डीमोस ऐसा नहीं करता।
टकराव से बचने की संभावना
एक नया मॉडल बीच का रास्ता सुझाता है। इसमें यह प्रस्तावित किया गया है कि एक बड़ा एस्टेरॉयड मंगल से टकराने से बच गया होगा। अगर कोई एस्टेरॉयड मंगल के बहुत करीब से गुजरता है, तो ग्रह की ज्वारीय ताकतें उस एस्टेरॉयड को चीरकर मलबे के टुकड़ों की एक श्रृंखला बना सकती हैं। इन टुकड़ों में से कुछ मंगल के चारों ओर दीर्घवृत्ताकार कक्षा में फंस सकते हैं। कंप्यूटर सिमुलेशंस बताते हैं कि समय के साथ इन टुकड़ों की कक्षाएं बदल सकती हैं और सौरमंडल के अन्य पिंडों के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आकर ये टुकड़े आपस में टकरा सकते हैं। इस टक्कर के बाद मलबे का एक घेरा बनेगा, जिससे फोबोस और डीमोस के निर्माण का स्पष्ट परिदृश्य सामने आ सकता है।
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