Pope Francis Passes Away: कैथोलिक ईसाई धर्म पोप फ्रांसिस ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 21 अप्रैल की सुबह 7:35 पर 88 साल के उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। वेटिकन के कासा सांता माल्टा स्थित अपने निवास पर उनका निधन हुआ है। सामने जानकारी के अनुसार फेफड़ों में इंफेक्शन के वजह से उनका निधन हो गया। 14 फरवरी को उनको रोम के जेमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था और यहां उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज चल रहा था।
1 महीने से बीमार थे पोप फ्रांसिस (Pope Francis Passes Away)
पोप फ्रांसिस कई महीनो से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे थे लेकिन पिछलें एक महीने से उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी जिसके बाद 14 फरवरी को उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया।
सूत्रों की माने तो डबल निमोनिया की वजह से उनके फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था। 1 महीने वह डॉक्टर के निगरानी में थे जिसके बाद 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। सोमवार को वेटिकन के कासा संाता मार्टा स्थित अपने निवास में उनका निधन हो गया।
फ्लोरेंस में हुआ था जन्म
पोप का जन्म 17 दिसम्बर 1936 को अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। पोप बनने से पहले उन्होंने जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो नाम से जाना जाता था। पोप फ्रांसिस के दादा-दादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी से बचने के लिए इटली छोड़कर अर्जेंटीना चले गए थे। पोप ने अपना ज्यादातर जीवन अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में बिताया है।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संदेश
पोप फ्रांसिस ने अपने आखिर संदेश में जरूरतमंदों की मदद करने, भूखों को खाना देने और विकास को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करने की अपील की थी। ईस्टर पर जारी अपने संदेश में उन्होंने लिखा-‘मैं हमारी दुनिया में राजनीतिक जिम्मेदारी के पदों पर बैठे सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे डर के आगे न झुकें।
डर दूसरों से अलगाव की ओर ले जाता है। सभी जरूरतमंदों की मदद करने, भूख से लड़ने और विकास को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करें।
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