Russia Ukraine War: 24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन के बीच जंग की शुरुआत हुई थी। पिछले 13 अगस्त को इस जंग को 900 दिन पूरे हो गए। बीते ढाई साल से चल रहे इस युद्ध में बीता सप्ताह रूस के लिए बहुत ही बुरा साबित हुआ है। खबरों के मुताबिक पहली बार यूक्रेन ने पूरी शक्ति के साथ रूस पर पलटवार किया है। इसमें यूक्रेन ने रूस की 1000 किमी से अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस पर सबसे बड़ा बड़ा हमला माना जा रहा है।
युद्ध की शुरुआत में महज 72 घंटे में यूक्रेन पर कब्जा करने का दावा करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है। अब उसी यूक्रेन ने अब रूस को दिन में ही तारे दिखा दिए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 13 अगस्त की शाम देश के नाम संबोधन में ऐलान किया रूस के कुर्स्क इलाके में उनकी सेना ने 74 गांवों को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही उन्होंने दावा किया की यूक्रेनी सेना तेजी आगे बढ़ रही है और रूसी सैनिकों को अपने कब्जे में ले रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक यूक्रेन की ओर से हुए इस अचानक हमले के बाद दो लाख से अधिक रूसी नागरिकों को अपने घर बार छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
बताया जा रहा है कि यूक्रेनी सेना ने पिछले 6 अगस्त को रूस के कुर्स्क इलाके पर अपना हमला शुरू किया था और महज महज 7 दिनों में उसने रूस के 1,000 वर्ग किमी से ज्यादा इलाके पर कब्जा कर लिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब यूक्रेनी सेना रूस में घुस कर ताबड़तोड़ हमले कर रही है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक यूक्रेनी सैनिक अपने में लिए सरकारी भवनों पर से रूसी झंडा हटाकर अपने देश का झंडा लगा रहे हैं। वहीं पुतिन की सेना यूक्रेनी हमले को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस बीच कई जगहों पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच जबरदस्त छड़पें भी हुई है।
बताया जा रहा है कि ये युद्ध रूस के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स कुर्स्क न्यूक्लियर पावर प्लांट काफी नजदीक हो रहा है। इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि अगर वहां छोटी सी गलती हुई तो कोई हादसा हो सकता है और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। लिहाजा इसे रोकने की तत्काल कोशिश होनी चाहिए।
राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेनी सेना के पलटवार के बाद राष्ट्रपति पुतिन भी आक्रमक होते दिख रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने पिछले दिनों कुर्स्क के स्थानीय नेता और अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की और इसे यूक्रेन की तरफ से उकसावे की हरकत करार दिया। साथ ही उन्होंने अपने रक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द यूक्रेनी सेना को खदेड़ने का भी आदेश दिया। साथ ही उन्होंने रूसी नागरिकों की हत्या और न्यूक्लियर पावर प्लांट के नजदीक हमला करने का भी यूक्रेन पर आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन, रूसी इलाके पर कब्जा कर सीजफायर समझौते के लिए अपना पक्ष मजबूत करना चाहता है, लेकिन रूस यूक्रेन के साथ कोई सीजफायर और समझौता नहीं करने जा रहा है।
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ऐसे में सवाल उठता है कि यूक्रेन ने रूस के जिन क्षेत्रों पर कब्जा किया है, क्या वो उसे छोड़ देगा या फिर उन पर अपना कब्जा जारी रखेगा। रूस और यूक्रेन युद्ध पर नजदीक से नजर रखने वालों की मानें तो मौजूदा हालात में जेलेंस्की रूसी इलाके से अपनी सेना वापस नहीं बुलाएंगे और जवाबी कार्रवाई के रूसी सेना पर अपना दबाव बनाए रखेंगे। ऐसे में यूक्रेन के जिन हिस्सों पर रूस कब्जा है, खाली करवाने लिए राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बना सकेंगे। क्योंकि राष्ट्रपति जेलेंस्की इससे बेहतर मौका शायद ही भविष्य में फिर कभी मिल पाए? ऐसे में भीषण युद्ध की संभावना से इनकार नहीं जा सकता और भविष्य में हालात ज्यादा विस्फोटक हो सकते हैं।
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