
America NASA Solar Storm Alert: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूर्य में एक भीषण विस्फोट होने की संभावना जताई है, जिससे एक शक्तिशाली सौर तूफान धरती से टकरा सकता है और व्यापक तबाही मचा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि यह सौर तूफान धरती से टकराता है, तो इसका प्रभाव गंभीर होगा, जिससे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप रेडियो ब्लैकआउट, बिजली कटौती, और इंटरनेट सेवाओं में रुकावटें आने की संभावना है। साथ ही मोबाइल और कंप्यूटर सेवाएं भी ठप हो सकती हैं। इस सौर तूफान के चलते समुद्री तूफान और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बना हुआ है।
क्या भारत पर भी पड़ेगा असर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी इस पर नजर बनाए रखी है। लद्दाख स्थित सेंटर से मिले ताजा अपडेट के मुताबिक, सूर्य में होने वाले इस संभावित विस्फोट के कारण भारतीय सैटेलाइट्स पर असर पड़ सकता है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, सौर तूफान भारत को भी प्रभावित कर सकता है। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यन के अनुसार, सूर्य में विस्फोट गर्मी, चुंबकीय क्षेत्रों और ऊर्जावान कणों के कारण होता है। यह विस्फोट एक तीव्र सौर तूफान को जन्म देता है, जो 250 से 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है और यह धरती के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए इसरो को भी अलर्ट रहने की जरूरत है।
सौर तूफान और अरोरा का असर
रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर की शुरुआत में ही सूर्य की सतह पर दो बड़े विस्फोट हुए हैं। इन विस्फोटों को वैज्ञानिकों ने X7 और X9 नाम दिए हैं, और इन्हें कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहा जाता है। यह विस्फोट 7 साल में सबसे शक्तिशाली है, और इससे उत्पन्न सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है। इस तूफान को G3 श्रेणी का जियोमैग्नेटिक तूफान माना जा रहा है, जो धरती के चारों ओर घूम रहे सैटेलाइट्स को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, उत्तरी गोलार्ध में लोग अरोरा का नजारा भी देख सकेंगे, जो आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी के रूप में प्रकट होता