स्पेस में क्यों बिगड़ रही है Sunita Williams की तबीयत, जानें डॉक्टरों की चिंता का कारण?

Sunita Williams: पिछले छह महीने से स्पेस में रह रहीं एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (sunita Williams) की हालिया तस्वीरों ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। डॉक्टरों का मानना है कि सुनीता का वजन काफी घट गया है, जो लंबे समय तक स्पेस में रहने के कारण हो सकता है और इससे उनकी तबीयत पर बुरा असर पड़ सकता है।

Sunita Williams Health In Space: पिछले छह महीनों से एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (sunita Williams) स्पेस में फंसी हुई हैं। वे साथी एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर के साथ केवल एक हफ्ते के मिशन के लिए गई थीं, लेकिन स्टारलाइनर यान में आई तकनीकी खराबी के कारण उन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रुकना पड़ा। अब वे फरवरी 2025 या उसके बाद ही धरती पर लौट सकेंगी। हाल ही में उनकी स्पेस से आई तस्वीरों ने डॉक्टरों में चिंता पैदा कर दी है, जिसमें उनकी सेहत ठीक न दिखने का अंदेशा हो रहा है।

कमजोर दिख रही हैं Sunita Williams 

डॉक्टरों की चिंताओं का कारण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से आई ताजा तस्वीरें हैं। इन तस्वीरों में सुनीता के गाल गहरे गड्ढे वाले और काफी दुबले नजर आ रहे हैं, जिससे उनके वजन में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है। जहां उन्हें केवल 8 दिन के लिए स्पेस में रुकना था, वहां अब तक 152 दिन गुजार चुकी हैं।

तस्वीर से हुई स्वास्थ्य को लेकर चिंता

बोइंग स्टारलाइनर यान में कई तकनीकी समस्याएं आने के कारण उसे बिना क्रू वापस धरती पर लाना पड़ा। एक विशेषज्ञ डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि सुनीता की पिज्जा बनाते हुए तस्वीर ने उनकी सेहत को लेकर कई चिंताएं पैदा की हैं।

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क्या हो रही हैं समस्याएं?

स्पेस में उच्च ऊंचाई पर रहते हुए सुनीता के शरीर पर प्राकृतिक दबाव का असर हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उनके गाल के गड्ढे गहरे होने का कारण शरीर का वजन घटना है। संभव है कि उनकी डाइट में कैलोरी की कमी हो, जिससे उनका सेहतमंद वजन प्रभावित हो रहा है।

स्पेस में होते हैं खास बदलाव

माइक्रोग्रैविटी के वातावरण के कारण स्पेस में शरीर के वजन को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। माइक्रोग्रैविटी शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को बढ़ा देती है, जिससे पोषण अवशोषण और ऊर्जा उपयोग में बदलाव आता है।

ठंडे तापमान से शरीर पर असर

स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स को ठंडे वातावरण में शरीर का तापमान संतुलित रखने में कठिनाई होती है। हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए वे रोजाना 2.5 घंटे व्यायाम करते हैं, जिससे भी वजन कम होता है।

महिलाओं को ज्यादा जोखिम

नासा की 2014 की एक स्टडी के अनुसार, महिलाओं के लिए स्पेस में जोखिम अधिक होता है। स्पेस फ्लाइट के दौरान उनके ब्लड प्लाज्मा में कमी होती है। बॉल यूनिवर्सिटी की 2023 की स्टडी के अनुसार भी महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले मांसपेशियों के अधिक नुकसान की संभावना होती है।

स्पेस मिशन के लिए स्वास्थ्य अध्ययन

दुनियाभर के स्पेस मिशन से लौटने वाले एस्ट्रोनॉट्स की सेहत का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है, ताकि शरीर में आए बदलावों का अध्ययन किया जा सके।

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