Trump Oath Ceremony: अमेरिका में एक बार फिर से ट्रंप युग की शुरुआत, 132 साल बाद हुआ यह करिश्मा

Trump inauguration: पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह उनका राष्ट्रपति का दूसरा कार्यकाल है। 

Trump Oath Ceremony: अमेरिका में आज से एक बार फिर से ट्रंप युग की शुरुआत हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण लिया। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी समय के मुताबिक दोपहर 12 बजे अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। भारत में उस समय रात के 10:30 बज रहे थे। यह दूसरा मौका है जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं। इससे पहले वो 2017 से 2021 के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति रहे। अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति और जेडी वैंस को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

ओप‍न‍िंंग स्‍पीच में जमकर बजी ताल‍ियां

ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और अपनी मां की बाइबिल पर हाथ रखकर अमेरिकी संविधान की रक्षा के नाम पर 35 शब्दों की शपथ ली।  कैपिटल रोटुंडा में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में डोनाल्ड ने ट्रंप इस बार दो बाइबल पर हाथ रखकर शपथ लिया। एक 1955 में उनकी मां की तरफ से दी गई बाइबल और दूसरी लिंकन बाइबल, जिस पर 1861 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने शपथ ली थी। दूसरी तरफ जेडी वैंस ने अपनी निजी बाइबल, जो कि उन्हें परनानी से मिली थी उस पर हाथ रखकर अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। अमेरिका परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ओपनिंग स्पीच दी और अगले चार वर्षों के लिए अपनी योजनाओं को अमेरिकी जनता के सामने रखा इसे लोगों ने ताल‍ियां बजाकर खूब सराहा।

कई रिकॉर्ड के साथ शानदार वापसी

पिछले साल हुए आम चुनाव में 78 साल के डोनाल्ड ट्रंप ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हरा कर सत्ता में शानदार वापसी की है। ट्रंप 2016 में राष्ट्रपति चुनाव जीते थे, 2020 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2024 शानदार वापसी की। डोनाल्ड ट्रंप 230 वर्षों से अधिक के अमेरिकी शासन में दूसरे व्यक्ति हैं, जो एक टर्म के अंतराल के बाद दोबारा राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए हैं। साथ ही अमेरिकी इतिहास 132 साल बाद ऐसा हुआ जब  में कोई व्यक्ति दूसरी बार प्रेसिडेंट बना है लेकिन उसने चुनाव लगातार नहीं जीता है। इससे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड 1884 में और फिर 1892 में राष्ट्रपति बने थे। ग्रोवर के बाद अब ट्रंप  चार साल के अंतराल के बाद राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले वह अमेरिकी इतिहास में दूसरे व्यक्ति बन गए हैं।

इनडोर शपथ ग्रहण का रिकॉर्ड

पहले यह शपथ ग्रहण समारोह आउटडोर होने वाला था, लेकिन बर्फीले तूफान की चलते इसे इनडोर करना पड़ा। दरअसल, इस साल अमेरिका में सर्दी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। साथ ही साथ बर्फीले तूफान की भी आशंका है। इसको देखते हुए वाशिंग्टन समेत कई जगहों पर कोल्ड इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। अमेरिका के इतिहास में 40 साल बाद ऐसा हुआ जब किसी राष्ट्रपति को इनडोर शपथ दिलाई गई। इससे पहले साल 1985 में भी खराब मौसम की वजह से रोनाल्ड रीगन को भी इनडोर शपथ लेनी पड़ी थी।

सितारों से भरी महफ‍िल में भारत भी मौजूद

डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य रहा। शपथ ग्रहण समारोह सितारों से खचाखच भरा रहा। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ-साथ उनके पति, प्रथम महिला जिल बाइडन और सेकेंड जेंटलमैन डग एमहॉफ, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन कई दिग्गज मौजूद रहे। इसके साथ  प्रौद्योगिकी उद्यमी और ट्रंप के सबसे मुखर समर्थक एलन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस, एप्पल के सीईओ टिम कुक और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को समारोह में प्रमुख स्थान मिला। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही भी मौजूद रहे।
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी भी मौजूद रहीं। ट्रंप के निजी गेस्ट के रूप में  मुकेश अंबानी और नीता अंबानी अमेरिका में हैं।

तो इस तरह जीते ट्रंप

आपको बता दें कि पिछले दिनों अमेरिका में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी कमला हैरिस को हरा कर व्हाइट हाउस पर फिर से लाल झंडा बुलंद किया है। रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में नियंत्रण हासिल कर लिया है, जहां उनके पास 52 सीटें हैं. वहीं डेमोक्रेट्स के पास 47 सीटें हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भी रिपब्लिकन ने बढ़त बना रखी है, जहां उनके पास 216 सीटें हैं, जबकि डेमोक्रेट्स के पास 209 सीटें हैं।

खुशी है तो आशंकाएं भी कम नहीं

डोनाल्ड ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल की तुलना में ज्यादा ताकतवर राष्ट्रपति साबित होंगे। इसकी वजह है अमेरिका में ट्रंप को मिल रहा भरपूर समर्थन। अमेरिका के इस चुनावी नतीजों का असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाली है। कई देश डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से खुश हैं तो कई देशों को आशंका है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की गद्दी संभालने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। खासकर टैरिफ को लेकर ट्रंप का रुख कैसा रहेगा, इसे लेकर पूरी दुनिया में आशंका का माहौल है। साथ ही अवैध आव्रजन पर ट्रंप का रुख सख्त रहने वाला है। पहले ही दिन ट्रंप कई कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जिनमें अमेरिकी की सीमाओं पर आपातकाल लागू किया जाएगा और अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस बीच दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के सर्वोच्च कुर्सी पर डोनाल्ड ट्रंप के काबिज होने का दुनियाभर का शेयर बाजार भी स्वागत कर रहा है। यूरोपीय और एशियाई शेयर बाजारों में तेजी आई और बिटकॉइन में उछाल देखी जा रही है।  बिटकॉइन ने $109,000 से ऊपर का रिकॉर्ड बनाया है।

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles