Navratri 2024: भक्त की लाज बचाने कामाख्या से चलकर इस मंदिर में आई थी मां दुर्गा, माता ने ऐसे तोड़ा था घमंडी राजा का अहंकार

Navratri 2024: बिहार के थावे में स्थित माता रानी का प्राचीन मंदिर बेहद चमत्कारी माना जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर का इतिहास चेरो वंश से जुड़ा हुआ है।

Navratri 2024: नवरात्रि के पावन त्यौहार की शुरुआत हो चुकी है।भक्त उल्लास पूर्वक माता रानी की पूजा कर रहे हैं। पूरे देश में शारदीय नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है और मंदिरों में भी भक्तों की बड़ी भीड़ देखने को मिल रही है।हमारे देश भारत में माता रानी के एक से बढ़कर एक चमत्कारी मंदिर है।

आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां भक्त की लाज बचाने के लिए माता रानी कामाख्या से चलकर आई थी और यहां एक घमंडी राजा का अहंकार तोड़ा था।इस मंदिर को बेहद चमत्कारी माना जाता है और यहां दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।तो आईए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से….

चेरो वंश से जुडा हैं इस मंदिर का इतिहास (Navratri 2024)

यह मंदिर बिहार में स्थित है और मंदिर की कहानी चेरो वंश के क्रूर राजा से जुड़ा हुआ है। कहां जाता है कि राजा के दबाव डालने पर भक्त माता को बुलाने के लिए विवश हो गया जिसके बाद माता कामाख्या से चलकर थावे पहुंची। माता के आने के साथ ही राजा मनन सिंह का महल खंडहर में बदल गया। माता ने भक्ति के मस्तक को फाड़ कर दर्शन दिया था। माता के भक्ति के मृत्यु के साथ ही राजा के वंश का विनाश हो गया था तब से यह शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।

चारों तरफ से वन से घिरा हुआ है मंदिर

थावे का यह ऐतिहासिक मंदिर काफी प्राचीन है। इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी परेशानी दूर हो जाती है और माता भक्तों के ऊपर दया बरसाती है। देश विदेश से लोग इस मंदिर का दर्शन करने आते हैं और इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है।

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