छठ पूजा पर सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त भूलकर भी ना करें ये 1 गलती, सूर्य नारायण हो जाएंगे नराज!

Chhath Puja 2024 Surya Arghya Vidhi: सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. इस पर्व में मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को समस्त 9 ग्रहों का राजा कहा गया है. कहते हैं कि जिस इंसान की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है उसे जीवन में खूब यश और समृद्धि प्राप्त होती है. वह जिस क्षेत्र में काम करता है उसमें खूब उन्नति और तरक्की करता है. सूर्य देव का उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है. सूर्य के लिए “ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च । हिरण्ययेन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन” इस मंत्र का उल्लेख किया गया है. छठ ही एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है. चलिए अब जानते हैं कि छठ पूजा के दिन सूर्य देव को अर्ध्य देते वक्त किन बातों का विशष ध्यान रखना चाहिए.

सूर्य देव को अर्घ्य देत वक्त ना करें ये गलती

मेट्रो सिटी में छठ पूजा के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देते श्रद्धालु में ऐसा देखा गया है कि वे छठ घाट पर ही दूध का पैकेट फाड़कर सीधा सूर्य देव को अर्घ्य दे देते हैं. किसी शास्त्र में सूर्य को इस तरह से जल देने की विधि का जिक्र नहीं किया गया है. सूर्य देव इस प्रकार से अर्घ्य देना शास्त्रोचित नहीं है. इसके अलावा छठ पर्व में कई श्रद्धालु जूते पहनकर ही सूर्य देव को अर्पित कर खुद को धन्य मानते हैं. दरअसल सूर्य देव को अर्ध्य देने का यह तरीका भी उचित नहीं है. शास्त्रों में शास्त्रों में सूर्य देव को अर्घ्य देने की जो नियम और विधि बताई गई है उसका पालन करने से ही सूर्य अर्घ्य स्वीकार करते हैं.

सूर्य देव को किस लोटे से दें जल? तांबा या पीतल

सूर्य देव को जल अर्पित करने के लिए तांबे का लोटा सर्वोत्तम माना गया है. भविष्य पुराण के अनुसार, तांबे के लोटे से सूर्य नारायण को जल अर्पित करने से शरीर की बीमारी दूर होती है. इसके अलावा अगर को काम अटका पड़ा है तो वह जल्द ही बन जाता है. छठ पूजा के दिन दूध से भी सूर्य देव की जल देने की परंपरा है. इसलिए, आप चाहें तो सूर्य देव को छठ पूजा के दिन सूर्य देव को दूध से अर्घ्य दे सकते हैं.

किस तरह दें सूर्य देव को अर्घ्य

छठ पूजा के दिन सुबह का अर्घ्य देने से पहले एक तांबे का लोटा लें. इसके बाद उसमें जल या दूध भरें और उसमें लाल रंग फूल और अक्षत मिला दें. इसके बाद तांबे के लोटे को अपने सिर से अगले हिस्से से थोड़ा ऊपर कर लें और सूर्य देव को अर्पित करें इस दौरान जल की धारा के बीच से सूर्य की किरणों को देखें. इस तरह से सूर्य देव को अर्घ्य देने से शरीर स्वस्थ रहता है.

सूर्य देव को अर्ध्य देते वक्त कौन सा मंत्र बोलें |Surya Arghya Mantra

ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

छठ पूजा 2024 हत्वपूर्ण तिथियां | Chhath Puja 2024 important dates

– नहाय-खाय- मंगलवार, 5 नवंबर
– खरना- बुधवार, 6 नवंबर
– संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर
– प्रातःकालीन अर्घ्य- 8 नवंबर

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