Sunita Williams: आज 19 मार्च को सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से वापस लौट चुकी है। 9 महीने से अधिक समय से वह अंतरिक्ष में थी। वापस आने के बाद भी सुनीता विलियम्स धरती पर पैर नहीं रख पाई। नासा के पूर्व वैज्ञानिक जॉन डेविड ने कहा कि अधिकांश अंतरिक्ष यात्री स्ट्रेचर पर नहीं जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें ऐसा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष से आने के बाद तुरंत धरती पर पैर रखता है तो उसे चक्कर या उल्टी आ सकती है। इसलिए अंतरिक्ष यात्रियों को सावधानी के तौर पर स्ट्रेचर पर लिटाया जाता है।
स्पेस स्टेशन से लौटनें के बाद एस्ट्रोनॉट के शरीर में अस्थाई सनसनी होती है जिसके वजह से पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल है। वापस लौटनें के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को अपनें अनुकूल एक नए वातावरण को बनाना पड़ता है। 9 महीने के बाद पृथ्वी पर लौट के वजह से अब सुनीता विलियम्स सहित अन्य एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के साथ सामंजस्य से बिठाना एक चुनौती हो सकता है। उन्हें कई तरह के चिकित्सा निगरानी की आवश्यकता पड़ेगी।
कई दिनों तक डॉक्टर के निगरानी में रहेगी सुनीता विलियम्स (Sunita Williams)
सूत्रों की माने तो सुनीता विलियम्स भले ही धरती पर लौट आई है लेकिन उन्हें अभी भी कई दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहना पड़ेगा। फिलहाल उन्हें स्ट्रेचर पर लिटा कर ले जाया गया। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की माने तो जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहता है तो उसके पैर की ऊपरी मोटी चमड़ी खत्म हो जाती है और उनके पर छोटे बच्चों की तरह सॉफ्ट और कमजोर हो जाते हैं। यही वजह है कि उन्हें चलने फिरने और बैठने में बैलेंस बनाने में परेशानी होती है।
कमजोर हो जाती है हड्डियां
सुनीता विलियम्स 9 महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रही है यही वजह है कि सुनीता और उनके साथियों को हड्डियों और मांसपेशियों की समस्या से जूझना पड़ सकता है। स्पेस में हड्डी और मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। यही वजह है कि उन्हें लंबे समय तक धरती पर कदम नहीं रखने दिया जाएगा वरना हड्डियां टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके साथ ही उन्हें आंखों की समस्या और हार्ट का खतरा भी हो सकता है साथ ही बोलने में भी परेशानी हो सकती है। अब सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को लंबे समय तक डॉक्टर की निगरानी में रखा जाएगा ताकि वह धरती के अनुकूल अपने आप को ढाल सके।
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