World Heritage Day 2023 Theme, History and Importance: दुनियाभर के देशों में भारत एक खास देश सिर्फ इसलिए ही नहीं है कि इसकी संस्कृति की एक अलग पहचान है, इस देश में कई ऐसी विश्व विरासत या धरोहरें हैं जिससे पूरी दुनिया अचंबित है। इन्हीं विरासतों के स्वर्णिम इतिहास को बनाए रखने के लिए इस दिन यानी कि विश्व धरोहर दिवस को मनाया जाता है। सालों पहले हुए निर्माण का अस्ति्व कहीं खत्म ना हो जाए। ऐसे में जरूरी है कि वह अपनी निर्मित स्थिति में चमकते रहें और उनकी जर्जर हालात को सुधारकर सालों साल उनको बरकरार रखा जाए। एक यही उद्देश्य से आज के दिन को मनाया जाता है।
यह दिन विश्व के उन सभी देशों के लिए माइने रखता है जो अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, यूनिक निर्माण शैली, इमारतों और स्मारकों की सुंदरता और खूबसूरती को बनाकर रखना चाहता है। और आने वाली हर पीढ़ी को इनके महत्व के बारे में बताना चाहता है।
दुनिया में कई सारी विश्व धरोहरें जो बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि यूनेस्को हर साल लगभग 25 धरोहर को विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल करता है, ताकि उन धरोहरों का संरक्षण किया जा सके।
चलिए बताते है आपको कि विश्व धरोहर दिवस मनाने की शुरुआत इसके इतिहास और महत्व के बारे में
World Heritage Day 2023: विश्व धरोहर दिवस कब है?
विश्व धरोहर दिवस या विश्व विरासत दिवस इस दिन को दोनों नाम से जाना जाता है। हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस को मनाया जाता है। आपको बता दें कि इसे शुरुआत में विश्व स्मारक दिवस की तरह मनाया जाता था। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व विरासत दिवस या धरोहर दिवस के रूप में मनाने का एलान कर दिया।
World Heritage Day 2023: विश्व धरोहर दिवस का इतिहास
एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने सन् 1968 में विश्व भर की प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों को सेफ रखने का सुझाव दिया, जिसे स्टॉकहोम में आयोजित हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित कर दिया गया और उसी के बाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर की स्थापना हुई। बता दें कि 18 अप्रैल 1978 को वो पहला दिन था जबसे विश्व स्मारक दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई।
World Heritage Day 2023: भारत की विश्व धरोहर
दुनिया में भारत की बात करें तो पहली विश्व धरोहर महाराष्ट्र में स्थित एलोरा की गुफाएं हैं। और इसके अलावा भारत में 40 विश्व धरोहरे और भी हैं। यूनेस्को ने जिन 40 विश्व धरोहरों को भारत में स्थान दिया है, उसमें सात प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक और एक मिश्रित स्थल भी शामिल हैं। कालेश्वर मंदिर तेलंगाना हो या फिर हड़प्पा सभ्यता का शहर धोलावीरा- ये सभी विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है।
World Heritage Day 2023: थीम
इस साल विश्व विरासत दिवस “विरासत परिवर्तन” (HERITAGE CHANGES) के विषय के तहत मनाया जाएगा
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