Brain Tumors Prevention : मोबाइल से मिली एक नई मुसीबत ब्रेन ट्यूमर!

Brain Tumors Prevention : घंटों मोबाइल पर बात करने से आप हो सकते हैं ब्रेन ट्यूमर के शिकार। क्‍या है समाधान?

Brain Tumors Prevention : ज्‍यादा लंबे समय तक माबाइल पर बात करने का चलन आम हो चुका है। लोग अब तो सोने के समय भी मोबाइल को कान से चिपकाए रहते हैं। कुछ लोगों को तो कई घंटे तक वेब सीरीज देखने की आदत पड़ चुकी है। आपको मालूम होना चाहिए यदि यह सब लंबे समय तक रहा तो ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumors) के शिकार हो सकते हैं। इन दिनों ब्रेन ट्यूमर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

अब बच्‍चे भी हो रहे शिकार
कुछ दशक पहले तक ब्रेन ट्यूमर के ज्यादातर मामले बुजुर्गों में देखे जाते थे लेकिन, आजकल 20-25 वर्ष के मरीज भी सिरदर्द की शिकायत करते हैं और एमआरआइ में पता चलता है कि उन्हें लास्ट स्टेज ब्रेन ट्यूमर हो गया है। बच्चों में भी यह समस्या देखी जा रही है। कारण एक ही है आजकल बच्‍चे भी मोबाइल फोन को लगातार अपने पास रखते हैं और यूटयूब, रील्‍स, शॉटर्स देखते रहते हैं। इससे अनिद्रा का खतरा बड़ों को भी होता है और बच्‍चों को भी चिड़चड़ापन हो जाता है। वह समझ नहीं पाते कि यह आदत उन्‍हें कितनी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है।

ब्रेन ट्यूमर का कारण 

ब्रेन ट्यूमर का सबसे बड़ा कारण तनावपूर्ण जीवनशैली, प्रदूषण, खानपान (खासकर शहरों में) है। पर इसका दूसरा बड़ा कारण है- मोबाइल फोन का आवश्यकता से अधिक प्रयोग। कह सकते हैं कि जब से मोबाइल का चलन शुरू हुआ है, तब से ब्रेन ट्यूमर के मामले भी काफी बढ़ गए हैं। हालांकि, दोनों के बीच अंतर्संबंध अभी विधिवत स्थापित नहीं हैं। जैसे-फेफड़े के कैंसर और धूमपान के बीच संबंध अब सिद्ध हो चुका है, उसी तरह यह कह सकते हैं कि आगामी कुछ सालों में इसकी भी पुष्टि हो जाएगी।

यह होता है लक्षण 

  • ब्रेन ट्यूमर में सबसे आम लक्षण है-सिरदर्द।
  • रात में नींद खराब होना
  •  लगातार उल्टियां
  • आंखों की रौशनी कम होना

सिरदर्द को न करें नजरअंदाज

यदि आप लगातार सिरदर्द को सहन कर रहे हैं तो इसे बिलकुल हल्‍के में न लें। लगातार सिरदर्द हो रहा है, तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लोग झटपट सिरदर्द होने पर गोलियां खाना शुरू कर देते हैं। इससे ट्यूमर अंदर बढ़ता रहता है। जब वे चिकित्सक के पास पहुंचते हैं, तो काफी देर हो जाती है। कोई दूसरा विकल्प नहीं रह जाता है। सिरदर्द के साथ लगातार उल्टियां हो रही हैं या मिर्गी के दौरे पड़ रहे हैं, तो यह भी संभव है कि यह ब्रेन ट्यूमर के आरंभिक लक्षण हों।

तब होती है सर्जरी

अगर ब्रेन ट्यूमर का मामला शुरू में ही पकड़ में आ गया, तो आधुनिक उपचार से उसे सही किया जा सकता है। कुछ तो तुरंत एमआरआइ की जाती है। इससे ब्रेन ट्यूमर को पहले स्टेज में पकड़ लेते हैं। अगर मरीज का ट्यूमर बहुत छोटा है, तो उसे दवा पर देकर फालोअप में रख सकते हैं। अगर ट्यूमर का आकार बढ़ गया है, तो आपको सर्जरी ही करानी होती है। सर्जरी के बाद बायोप्सी की रिपोर्ट आने के बाद कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की जाती है।

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