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वायनाड का अर्थ होता है 'धान के खेतों का गांव'। यह 'वायल' और 'नाडु' नमक दो शब्दों से मिलकर बना है। वायल यानी धान के खेत और नाडु यानी गांव। आप देखेंगे कि यहां पहाडिय़ों की तलहटी में दूर दूर तक धान के खेत फैले हैं।
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यह स्थान देखते ही पर्यटक भावविभोर हो जाते हैं। इसकी वजह है इसका ऊंचाई पर होना। घुमावदार पहाड़ी सड़कें पहाडिय़ों से लिपटी रस्सी की तरह ऊपर बढ़ती जाती है और पर्यटको को मिलता है एक से बढ़कर एक नजारा।
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तीन राज्य की संस्कृति का दर्शन (Wayanad Culture)
वायनाड, केरल, तमिलनाडू और कर्नाटक के संगम पर अवस्थित है। इसके उत्तर और उत्तर पूर्व की ओर कर्नाटक फैला है, दक्षिण पूर्व की ओर तमिलनाडू। इन राज्यों में फैले जीवन व संस्कृति को वायनाड में एक साथ आप महसूस कर सकते हैं।
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कुरुवा द्वीप की सुंदरता (Wayanad Kuruva Island)
कबीनी नदी स्थित यह द्वीप प्रकृति में मौजूद अनेक रंगों को महसूस करने का सबसे उपयुक्त स्थल है। 900 एकड़ में फैले इस द्वीप में घनी आबादी के साथ साथ कुछ अति विशिष्ट प्रकार के पेड़ पौधों का निवास है।
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उरवु का अर्थ होता है 'बांस की नगरी। उरवु वायनाड के अत्यधिक प्रसिद्ध पर्यटक केन्द्रों में से एक है। यहां आने वाले पर्यटक आसानी से देख सकते हैं कि किस प्रकार स्थानीय निवासी बांस के बनाए उत्पादों और उपकरणों से अपनी आजीविका चलते हैं।
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चेम्बरा पीक पर यादगार ट्रेकिंग (Chembra Peak)
वायनाड की यात्रा में सबसे पहला आकर्षण यही स्थान है। यह स्थान जिला मुख्यालय कलपेटा से आठ किलोमीटर दूर स्थित है। आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो यकीनन यह आपके लिए एक यादगार ट्रिप होगी।
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ये गुफाएं अपने प्रागैतिहासिक भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। 6000 साल पहले यहां निवास करने वाले लोगों ने इन गुफाओं की दीवार पर ये चित्र बनाए। ये चित्र आपको भोपाल के पास के भीमबेतका की याद दिला सकते हैं।
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तिरुनेली मंदिर: दक्षिण काशी (Thirunelli Temple)
ब्रह्मगिरि की पहाड़ी पर स्थित है यह मंदिर जो कि भगवान विष्णु को समर्पित है। समूचे दक्षिण भारत में प्रसिद्ध इस मंदिर को 'दक्षिण काशी' कहा जाता है। परिजनों की मृत्यु के उपरांत लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ करने आते हैं।
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जैन मंदिर सुल्तान बथेरी (Jain Temple Sulthan)
सुल्तान बथेरी नामक जगह पर तेरहवीं शताब्दी का बना हुआ यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहां एक चौकोर चट्टान को काटकर बनायी गयी महावीर जैन की प्रतिमा है जहां पर्यटकों की भीड़ रहती है।
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वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (Wild Life Sanctuary)
इसे 'मतंगा अभयारण्य’ भी कहा जाता है। सुल्तान बथेरी से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह जंगल कर्नाटक के नागरहोल और बांदीपुर और तमिलनाडू के मुदमलाई टाइगर रिजर्व से जुड़ता है। यह 345 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
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चींगेरीमला में मिलेगा फैंटम रॉक (Phantom Rock)
यहां बड़े-बड़े पत्थर फैन्टम की तरह खड़े हैं। इसलिए इस हिस्से को फैन्टम रॉक भी कहा जाता है। दूर तक फैली हरियाली के बीच बसी इन रहस्यमयी संरचनाओं के बीच महसूस होता है अथाह रोमांच।
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वायनाड अपनी वर्षा के लिए काफी प्रसिद्ध है और यही वर्षा इसे एक से एक झरने का प्रदान करती है। इन झरनों में मीनमुट्टी और सूजीपारा प्रमुख हैं। सूजीपारा झरना जंगल के भीतर स्थित है जहां तक आपको 2 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ेगा।
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यहां के लिए नजदीकी एयरपोर्ट कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, वायनाड से इसकी दूरी 61 किमी है। वहीं मैसूर एयरपोर्ट से वायनाड की दूरी तकरीबन 87 किमी है। यहां रेलवे स्टेशन नहीं है। देश के बड़े शहरों से बसें मिल जाती हैं।
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