Neelkanth Seeing on Dussehra : दशहरे पर नीलकंठ का दर्शन शुभ, इस एक मंत्र से होती है पैसों की बारिश !

Neelkanth Seeing on Dussehra : दशहरे नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिरुप माना गया है। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना शुभ फल लेकर आता है।

Neelkanth Seeing on Dussehra : देश भर में आज बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रति का पर्व विजयादशमी या दशहरा मनाया जा है। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन काफी शुभ माना जाता है। हिंदू सनातन धर्म में शिव जी को नीलकंठ की कहा गया है। ऐसे में नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिरुप भी माना गया है। तो आइए भागवताचार्य आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से जानते हैं कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन क्यों शुभ माना जाता है…

Neelkanth Seeing on Dussehra
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महादेव का रुप नीलकंठ पक्षी

देवाधिदेव महादेव का रुप नीलकंठ पक्षी को माना गया है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम जब दशानन रावण का वध करने जा रहे थे, तब उन्‍हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। इसके बाद वे रावण का वध कर और लंका पर विजय पाकर लौटे थे।  इसलिए दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शत्रु पर जीत का प्रतिक बन गया।

भगवान राम द्वारा रावण वध के बाद से ही पर्व मनाया जाता है। इसके बाद जब भगवान राम 14 साल के बनवास के बाद जिस दिन अयोध्‍या लौटे तो उसे दिवाली मनाया गया। इस साल दिवाली का पावन पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा।

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दशहरे पर नीलकंठ का दर्शन सौभाग्य का प्रतीक

दशहरा पर नीलकंठ का दर्शन बहुत ही शुभ माना गया है। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।मान्यताओं के मुताबिक विजयादशमी के दिन अगर किसी व्यक्ति को नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो उसके सारे कार्य सफल होते हैं और उनका घर धन-धान्य से भर जाता है।

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भगवान राम को शिव जी ने दिया था नीलकंठ पक्षी के रुप में दर्शन

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को लेकर एक और पौराणिक कथा है। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। पुराणों के मुताबिक रावण का वध करने के बाद भगवान राम पर ब्रह्माण हत्या का पाप लगा। इसके बाद भगवान राम ने ब्रह्माण हत्या के पाप से मुक्ति के लिए शिव जी की आराधना की। भगवान राम को ब्रह्माण हत्या के पाप से मुक्ति दिलाने के लिए भोले शंकर नीलकंठ पक्षी के रूप में ही प्रकट हुए थे। तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना जाने लगा।

दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन करने कुछ उपाय करने की भी मान्यता है। नीलकंठ के दर्शन होने पर मंत्र

‘कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्।
शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।।

नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद।
पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।

का जाप करने के महादेव और भगवान राम की प्रार्थना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को आर्थिक संकट, कर्ज, बीमारी, नौकरी, व्यापार और दांपत्‍य जीवन से जुड़ी समस्याओं के छुटकारा मिलता है। नीलकंठ पक्षी के दर्शन से जातक का भाग्‍य चमक जाता है और उन्हें हर कार्य में सफलता मिलने लगती है और जीवन सुख-समृद्धि का वास होता है।

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(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है और सूचनाओं के लिए यहां केवल दी गई है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

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