Stress Relieve Vastu Tips: वास्तु शास्त्र प्रकृति के छिपे हुए रहस्य को समझकर मानव जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करता है। यह हिंदू प्रणाली के सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत अधिक महत्व माना गया है। वास्तु शास्त्र में कई छोटे-छोटे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति के घर में सुख शांति बनी रहती है। कई घरों में लोग अक्सर तनाव में जीवन जीते हैं। कई बार यह समस्या वास्तु की गलती से भी हो सकती है। ऐसे में आईए जानते हैं तनाव से मुक्ति पाने के कुछ वास्तु उपाय के बारे में…

इस दिशा में भूल कर भी न सोएं
वास्तु के अनुसार, सोते समय सिर हमेशा दक्षिण या पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए। उत्तर या पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति तमाम तरह के मानसिक तनाव से घिर जाता है। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, दक्षिण दिशा यमराज का घर होता है। इसलिए अगर हमारा सिर उत्तर दिशा में होगा तो पैर दक्षिण में होगा और यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।

शयनकक्ष में भूलकर भी न रखें यह चीज
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयन कक्ष में कभी भी सिसा या ड्रेसिंग टेबल नहीं रखना चाहिए। अगर आपके बेडरूम में आईना है भी तो उसपर रात के वक्त पर्दा लगा दें। घर के बेडरूम में टीवी भी नहीं लगाना चाहिए। इसके लिए भी अगर विकल्प न हो तो, इसे भी पर्दे से ढक कर रखें।

नहीं होना चाहिए ऐसा आंगन
घर का आंगन कभी भी जर्जर हालत में नहीं होना चाहिए। साथ ही आंगन में कूड़ा-कचरा या भारी सामान भी न रखें। जिसका आंगन जर्जर या गंदी हालत में होता है, उसके घर के सदस्यों पर मानसिक दबाव बना रहता है। घर में खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। इससे घर में मानसिक तनाव और कलह की स्थिति बनी रहती है।

नहीं होने चाहिए ऐसे दरवाजे
वास्तु के अनुसार, घर में कभी भी दो दरवाजे आमने सामने नहीं होने चाहिए। यह वास्तु का एक गंभीर दोष माना जाता है। इससे घर में रहने वाले लोगों के बीच मानसिक तनाव और खराब आर्थिक स्थिति की समस्या बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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