Bhagwan Shiv Famous Temples: सावन में जरूर करें भगवान शिव के इन मंदिरों का दर्शन, हर मनोकामना होगी पूरी

Bhagwan Shiv Famous Temples: सावन का महीना बेहद पवन माना जाता है। इस बार सावन की शुरुआत है 11 जुलाई से होगी और 9 अगस्त को सावन समाप्त हो जाएगा।

Bhagwan Shiv Famous Temples: सावन के महीने की शुरुआत होने वाली है। सावन के महीने में भक्त भगवान शिव के मंदिरों का दर्शन करते हैं। इस बार 11 जुलाई से सावन के महीने की शुरुआत होने वाली है। सावन के महीने में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है।

भगवान शिव का अमरनाथ धाम (Bhagwan Shiv Famous Temples)

भगवान शिव का अमरनाथ धाम हिमालय में स्थित है। इस धाम में भोलेनाथ के स्वयंभू रूप के दर्शन होते हैं। यहां भोलेनाथ का लगभग 10 फीट ऊंचा शिवलिंग प्राकृतिक रूप से मौजूद है ।अमरनाथ धाम की यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा में शुरू की जाती है और यह रक्षाबंधन तक चलती है। सावन के महीने में यहां भोलेनाथ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुट आती है।

केदारनाथ धाम

भगवान शिव का केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है। इस धाम की घटना भारत के प्रमुख चार धामों में की जाती है। केदारनाथ में महादेव की द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक मौजूद है। मान्यता के अनुसार सावन मास में केदारनाथ धाम के दर्शन करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसे समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।

ओंकारेश्वर महादेव जी

ओंकारेश्वर महादेव का यह मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है। इस धाम की भी गणना द्वादश ज्योतिर्लिंग में ही की जाती है। मान्यता के अनुसार चार धाम की यात्रा के बाद ओमकारेश्वर महादेव जी का दर्शन करना आवश्यक माना जाता है। ऐसा करने के बाद ही चार धाम की यात्रा के पुण्य की प्राप्ति होती है। सावन मास में इस धाम के दर्शन करने से जातक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है‌।

दक्षेश्वर महादेव

दक्षेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार के कनखल में स्थित है। मान्यता के अनुसार सावन मास में भगवान शिव दक्षेश्वर महादेव मंदिर में ही वास करते हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना सुन उसका निवारण भी करते हैं। सावन के महीने में यहां दर्शन के लिए भक्तों की भारी संख्या में भी जुट जाती है।

बैजनाथ धाम

भोलेनाथ का बाबा बैजनाथ धाम झारखंड के देवघर में स्थित है जो सिद्ध शिव धामों में से एक है। बाबा बैजनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और साथ ही माता सती के 52 शक्तिपीठों में से एक यहां भी मौजूद है, जो उनका ह्रदय भाग माना जाता है। सावन के महीने में यहां लाखों की संख्या में लोक कावड़ यात्रा करने आते हैं और भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।

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