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चमत्कारी है यह मंदिर, बारिश से पहले ही टपकने लगती है मंदिर की छत, भगवान जगन्नाथ देते हैं ग्रामीणों को मानसून का संकेत

Dharm Visesh: कानपुर के भगवान जगन्नाथ के मंदिर को मानसून का मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर बेहद ही चमत्कारी है. मानसून आने से पहले ही गांव के लोगों को यह मंदिर संकेत देने लगता है कि अब बारिश शुरू होने वाली है.

Dharm Visesh

Dharm Visesh: हमारे देश में कई चमत्कारी मंदिर है जहां दर्शन करने लाखों की संख्या में भक्त जाते हैं. देश में कई ऐसे मंदिर है जो हमारी भारतीय सभ्यता को दर्शाते हैं. आज हम आपको कानपुर के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसमें भगवान मानसून आने से पहले ही मानसून का संकेत दे देते हैं. यह मंदिर कानपुर में है और यह कानपुर से 50 किलोमीटर दूर घाटमपुर तहसील के भीतरगांव ब्लॉक के एट में स्थित है. इस मंदिर को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं क्योंकि यह रहस्यमई मंदिर है.

बेहद प्रसिद्ध हैं कानपुर का जगन्नाथ मंदिर (Dharm Visesh)

Dharm Visesh
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कानपुर का जगन्नाथ मंदिर बेहद प्रसिद्ध है और बहुत ही प्राचीन है. पुरी जगन्नाथ के बाद यह उत्तर प्रदेश में भगवान जगन्नाथ का इकलौता मंदिर है और इसे मानसून मंदिर भी कहा जाता है. कहां जाता है कि मानसून आने के पहले ही इस मंदिर की छत टपकने लगती है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर में जाकर वैज्ञानिक भी शोध कर चुके हैं हालांकि यह रहस्य सुलझा नहीं पाया है.

प्राचीन है यह मंदिर

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर के छत पर लगे पत्थर से पानी की बूंदे टपकनी शुरू हो जाती है और उसके एक पखवारें के बाद मानसून आ जाता है. भीतरगांव इलाके के बेटा बुजुर्ग गांव में स्थित भगवान जगन्नाथ के गर्भ ग्रह के शिखर पर एक आयताकार पत्थर लगा हुआ है.

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9वी शताब्दी में हुआ था मंदिर निर्माण

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चिल्लाती गर्मी में भी इस पत्थर पर पानी की बूंदे जमा हो जाती है और बंदे बाद आकर लेकर गर्भगृह के फर्श से टपकती रहती है. यह बूंद तब तक टपकता है जब तक मानसून सक्रिय नहीं हो जाता है. हालांकि जब वर्षा होना शुरू हो जाता है तब मंदिर का आंतरिक भाग सूख जाता है. इस मंदिर को नौवीं शताब्दी के आसपास सम्राट हर्षवर्धन ने बनवाया था.

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